जोधपुर सांप्रदायिक हिंसा: आखिरकार बंद किया गया ईदगाह का गेट, जिस वजह से हुई इतनी हिंसा

जोधपुर में सांप्रदायिक दंगा ईदगाह के गेट को लेकर हुई थी. जो समझौते के खिलाफ खोला गया था. अब हिंसा के बाद उस गेट को बंद कर दिया गया है.

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Jodhpur Communal Violence: राजस्थान के जोधपुर स्थित सूरसागर इलाके में करीब तीन दिनों से धारा 144 लागू की गई है. यहां हुई सांप्रदायिक हिंसा में पुलिस ने 200 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है. जबकि 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है. यह विवाद 15 साल पहले हिंदू और अल्पसंख्यक समाज के लोगों में हुए एक समझौते के टूटने के बाद शुरू हुई थी. जिसमें ईदगाह के गेट को लेकर हुई थी. लेकिन समझौते को तोड़ते हुए ईदगाह की गेट खोले गए थे. वहीं अब उस गेट को बंद किया गया है.

दरअसल, ईदगाह के पीछे के गेट को न खोलने को लेकर समझौता किया गया था. क्योंकि वह गेट मंदिर के सामने खुलता था. लेकिन समझौते को तोड़कर इस गेट को खोला गया. इस वजह से दोनों पक्षों में जमकर पत्थरबाजी हुई. लेकिन अब इस गेट को बंद कर दिया गया है.

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क्या हुआ समझौता

शुक्रवार को दोनों पक्षों के बीच विवाद के बादमें इस गेट को बंद करने के लिए समझौता हुआ था. उस समझौते में स्पष्ट लिखा हुआ था कि वे लोग यहां पर कोई भी दीवार या गेट नहीं निकलेंगे. तब उस समय पुलिस ने उन्हें कहा था कि अगर कोई भी स्थिति बिगड़ती है तो जिन लोगों ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया है. उनके खिलाफ भी नामजद रिपोर्ट दर्ज की जाएगी. संभवत समझौता करने वाले समुदाय विशेष के लोगों में इस बात का भय हुआ कि  कहीं दीवार का गेट खोलने की बात को लेकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं हो जाए. ऐसे में उन्होंने आगे बढ़कर ईदगाह की दीवार में बने गेट को बंद किया. साथ ही अपनी तरफ से एक संदेश देने का प्रयास किया कि वह लोग शांति चाहते हैं.

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हालांकि शुक्रवार को ही समुदाय विशेष के लोग ईदगाह की दीवार से गेट नहीं निकालते तो शायद जोधपुर पर सांप्रदायिक दंगों का दाग नहीं लगता. शुक्रवार को हुए दंगे में दो पुलिस अधिकारियों के जहां चोट लगी. वहीं एक दुकान और ट्रैक्टर में असामाजिक तत्वों ने आग लगा दी थी. इसके अलावा करीब एक से डेढ़ घंटे तक दोनों पक्षों के बीच में पथराव होता रहा जिसको नियंत्रण में करने के लिए पुलिस को करीब 4 घंटे लगे और कई आंसू गैस के गोले दागने पड़े.

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