MBM विश्वविद्यालय का ये शॉर्ट टर्म कोर्स युवाओं की जिंदगी में ला सकता है बदलाव, जानें पूरी डिटेल

जोधपुर के एमबीएम विश्वविद्यालय ने "सोलर पीवी सिस्टम डिजाइन एवं इंस्टॉलेशन" पर 15 दिवसीय शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया है. इसका फायदा ज्यादातर युवाओं को होने वाला है. 

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Rajasthan News: राजस्थान सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच के अनुरूप इस दिशा में लगातार नए कदम उठाए जा रहे हैं. इसी क्रम में, जोधपुर स्थित प्रतिष्ठित एमबीएम विश्वविद्यालय के "सेंटर फॉर एक्सीलेंस फॉर नॉन-कन्वेंशनल एनर्जी" द्वारा "सोलर पीवी सिस्टम डिजाइन एवं इंस्टॉलेशन" पर एक शॉर्ट-टर्म ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरुआत की गई है. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य सौर ऊर्जा क्षेत्र में कुशल मानव संसाधन तैयार करना है, जो आने वाले समय में इस तेजी से बढ़ते क्षेत्र में अहम भूमिका निभा सके.

प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञ देंगे जानकारी

इस कोर्स के दौरान भारत सरकार और राजस्थान सरकार के विभिन्न संस्थानों के विशेषज्ञ, जिनमें IIT के प्रोफेसर और राज्य के अन्य तकनीकी संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल हैं. प्रतिभागियों को सोलर फोटोवोल्टिक सिस्टम के डिजाइन और इंस्टॉलेशन की नवीनतम तकनीकों का प्रशिक्षण देंगे. साथ ही इंडस्ट्री से जुड़े अनुभवी विशेषज्ञों द्वारा इंडस्ट्रियल कानून और प्रैक्टिकल जानकारी से भी प्रतिभागियों को रूबरू कराया जाएगा.

विकास का नया आयाम लिखेगी ये पहल

देश में सौर ऊर्जा क्षेत्र का विस्तार तेजी से हो रहा है, जिससे इस कोर्स से प्रशिक्षित होने वाले प्रतिभागियों के लिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे. यह पहल न केवल कुशल प्रशिक्षकों का एक समूह तैयार करेगी, बल्कि इस क्षेत्र में विकास के नए आयाम भी स्थापित करेगी.

देशभर में बढ़ रही मांग

MBM विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर अखिल रंजन गर्ग ने बताया कि PM सूर्य उदय योजना और पीएम कुसुम योजना के तहत देशभर में सोलर पैनल इंस्टॉलेशन की मांग तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में स्किल्ड मैनपावर की आवश्यकता भी बढ़ेगी. इन्हीं संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए 15 दिवसीय शॉर्ट टर्म कोर्स शुरू किया गया है, जिसमें ITI, डिप्लोमा होल्डर और ग्रेजुएट छात्र प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं.

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इस दौरान IIT और MBM जैसे संस्थानों के प्रोफेसरों के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों को तकनीकी और व्यावहारिक ज्ञान प्रदान किया जा रहा है, वहीं इंडस्ट्री के विशेषज्ञ भी अपनी महत्वपूर्ण जानकारियों से प्रतिभागियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं.

कुशल मैनपावर की बढ़ेगी डिमांड

प्रोफेसर गर्ग ने आगे बताया कि विश्वविद्यालय की अधिकृत वेबसाइट पर इस कोर्स के लिए आवेदन प्रक्रिया जारी रहती है. पंजीकरण के बाद छात्रों का चयन उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि के अनुसार किया जाता है. रोजगार के अवसरों पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि सौर ऊर्जा के बढ़ते उपयोग से भविष्य में घर-घर सोलर पैनल की स्थापना होगी, जिससे न सिर्फ सोलर पैनल इंस्टॉलेशन के लिए, बल्कि उनकी देखरेख के लिए भी कुशल मैनपावर की भारी मांग होगी.

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