Rajasthan: जोधपुर के डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज का रेजीडेंट छात्र डॉ. राकेश विश्नोई के आत्महत्या मामले में निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर रेजिडेंट चिकित्सकों का आक्रोश बढ़ रहा है. बुधवार को उन्होंने सांकेतिक रूप से 2 घंटे पेन डाउन हड़ताल कर अपना विरोध जताया. उन्होंने कहा कि यदि आज शाम तक प्रशासन उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं करता है , तो शाम को बैठक के बाद अग्रिम रणनीति पर चर्चा की जाएगी.
उत्पीड़न का लगाया था आरोप
रेजिडेंट संगठन के सचिव डॉ रणजीत चौधरी ने बताया कि डॉ. राकेश विश्नोई ने मृत्यु से पहले एक वीडियो सन्देश दिया था, जिसमें उन्होंने मानसिक उत्पीड़न, दबाव का आरोप लगाया था. इसको लेकर हमने कॉलेज प्रशासन के समक्ष चार प्रमुख मांगें रखी गई थीं, जिनमें सबसे अहम संबंधित व्यक्ति को त्वरित प्रभाव से संबंधित पद से हटाकर, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने की थी, लेकिन इस अत्यंत संवेदनशील प्रकरण को लेकर अब तक प्रशासन की ओर से कोई भी ठोस कार्यवाही नहीं की गई है.
डॉक्टर पेन डाउन स्ट्राइक पर गए. ओपीडी के बाहर बैठे मरीज.
कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी दी
प्रशासनिक उदासीनता एवं अन्यायपूर्ण रवैये के विरोध में आज रेज़िडेंट्स ने एक प्रतीकात्मक 'पेन डाउन हड़ताल' की है . यदि इसके पश्चात भी प्रशासन द्वारा कोई ठोस और संवेदनशील कार्रवाई नहीं की जाती है, तो रेज़िडेंट्स आगे चलकर पूर्ण कार्य बहिष्कार का भी निर्णय कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि हमारा उद्देश्य मरीजों को परेशान करना नहीं है और इसलिए आज हमने सांकेतिक रूप से पेन डाउन हड़ताल कर प्रशासन को चेताने का प्रयास किया है.
छात्र ने सल्फास की गोलियां खा ली थीं
जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल के हॉस्टल में 3rd ईयर के छात्र राकेश विश्नोई ने 13 जून को सल्फास की गोलियां खा ली थी, जिससे उसकी हालत खराब हो गई थी. उसे जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी. आत्महत्या से पहले का राकेश विश्नोई का वीडियो सामने आया था. वायरल वीडियो में राकेश ने एचओडी पर गंभीर आरोप लगाए थे.
एचओडी पर प्रताड़ना का आरोप
वीडियो में राकेश विश्नोई अपने एचओडी डॉ. राजकुमार राठौड़ पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. आरोप लगाया कि उनके एचओडी डॉ. राजकुमार राठौड़ थिसिस सबमिशन के लिए परेशान कर रहे थे, इसलिए उन्होंने सल्फास की गोलियां खा ली. छात्र ने आरोप लगाया कि हॉस्पिटल के एचओडी राजकुमार राठौड़ उन्हें मानसिक रूप से परेशान करता था. परफॉर्मेंस अच्छी रखने के लिए पैसों की डिमांड करता था. थीसिस सबमिशन को लेकर लगातार परेशान कर रहा था, इससे तंग आकर उन्होंने आत्महत्या क़दम उठाया.
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