
Rajasthan Politics: राजस्थान सरकार के मंत्री मदन दिलावर पाली के बर नेशनल हाईवे स्थित नंदी गौशाला के निरीक्षण करने पहुंचे. इस दौरान उनके दिए बयान एक के हिस्से को लेकर कांग्रेस ने घेर लिया. मंत्री के वायरल हिस्से के बयान में कहते हैं कि मैं गौशालाओं के खिलाफ हूं. नेता प्रतिपक्ष ने उनके इस बयान को अपने सोशल मीडिया साइट 'X' पर बीजेपी को घेरा. टीकाराम जूली ने लिख, "गौमाता का अपमान, कब तक सहेगा राजस्थान?गौमाता के नाम पर वोट, असलियत में गौशालाओं के विरोध में भाजपा, यही है भाजपाइयों का असली चेहरा"
टीकराम जूली ने बीजेपी को घेरा
टीकाराम जूली ने आगे लिखा, "गौसेवा की आड़ में राजनीति करने वाली भाजपा की असलियत अब खुद उनके राजस्थान सरकार के तीन मंत्री मदन दिलावर, अविनाश गहलोत और ओटाराम देवासी ही उजागर कर रहे हैं. भाजपा के मंत्री खुलेआम कह रहे हैं की भाजपा मैं (मंत्री) गौशाला के खिलाफ हूं. जब भाजपा के मंत्री ही गौशालाओं के विरोध में बयानबाज़ी करें, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि "गौसेवा" भाजपा के लिए महज एक चुनावी हथियार है, न कि आस्था या संवेदनशीलता का विषय. यह भाजपा का दोहरा चरित्र है, जो गौमाता की सेवा के नाम पर किए जा रहे राजनीतिक ढोंग को उजागर कर रहा है. यह जनता सब देख रही है भाजपाइयों ..."
गौमाता का अपमान, कब तक सहेगा राजस्थान?
— Tika Ram Jully (@TikaRamJullyINC) June 17, 2025
गौमाता के नाम पर वोट, असलियत में गौशालाओं के विरोध में भाजपा, यही है भाजपाइयों का असली चेहरा।
गौसेवा की आड़ में राजनीति करने वाली भाजपा की असलियत अब खुद उनके राजस्थान सरकार के तीन मंत्री ( श्री मदन दिलावर, श्री अविनाश गहलोत और श्री ओटाराम… pic.twitter.com/SzPAXpxCo2
"...कागजों में चलने वाली गौशाला नहीं"
कैबिनेट मंत्री मदन दिलावर बर गौशाला पहुंचे तो मंत्री अविनाश गहलोत गौशाला की जानकारी दे रहे थे. तभी मंत्री मदन दिलावर ने कहा, मैं गौशालाओं के खिलाफ हूं." इस बयान के बाद ग्रामीण और स्थानीय बीजेपी नेता राजेश मेवाड़ा ने मंत्री को बताया कि यह कागजों में चलने वाली गौशाला नहीं है, बल्कि लंपी महामारी में दौरान पूरे गांव ने मिलकर अस्पताल के रूप में शुरू किया. न केवल हुआ बल्कि घायल गोवंश की भी सेवा की गई.
दिलावर बोले- फर्जी गौशालाओं के खिलाफ
इसके बाद मंत्री मदन दिलावर ने कहा, "मैं उन फर्जी गौशालाओं के खिलाफ हूं, जो कई राज में केवल कागजों पर चलती थीं. जैसलमेर में करोड़ों रुपए का भुगतान हुआ. जबकि वहां गोवंश था ही नहीं. ऐसे भ्रष्टाचार ने मेरा मन व्यथित कर दिया था. मंत्री को बताया गया कि यह गौशाला बिना अनुदान के 3 वर्ष से चल रही है, और अभी तक इसके नाम जमीन तक दर्ज नहीं हुई है. मंत्री तुरंत रुख बदलते हुए कहा तो फिर यह एक बेहतरीन गौशाला है, हमें इस पर काम करना चाहिए. अधिकारियों को निर्देश दिए कि भूमि आवंटन और अनुदान जल्द शुरू हो. कोई समस्या हो तो मंत्री अविनाश गहलोत से संपर्क किया जाए, गौशाला के संचालन से जुड़े भामाशाहों को नमन किया.
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