पहले जी भर के किया पाप, बाद में प्रायश्चित के लिए देशभर के मंदिरों का भ्रमण; कर्नाटक से पकड़ा गया राजस्थान का कुख्यात तस्कर

Jodhpur Police Operation Pranihanta: राजस्थान के जोधपुर पुलिस की साइक्लोन टीम ने एक स्पेशल ऑपरेशन चलाते हुए प्रदेश के कुख्यात तस्कर को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी कर्नाटक से हुई है.

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शराब तस्कर का आलीशान मकान और पुलिस गिरफ्त में तस्कर.

Jodhpur Police Operation Pranihanta: जोधपुर पुलिस रेंज की साइक्लोनर टीम ने शराब तस्करी के बड़े सरगना 50 हजार के इनामी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. पाली जिला पुलिस की तरफ से उस पर यह इनाम घोषित किया गया था. जोधपुर रेंज पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि आरोपी दिनदहाड़े हुई हत्या का भी सूत्रधार था. साइक्लोनर टीम की तरफ से यह 75वीं उपलब्धि है. आरोपी को ऑपरेशन प्राणीहंता के रूप में पकड़ा गया है. आरोपी प्रकाश पुत्र रूगनाथ राम निवासी गुढ़ामालानी का है. इस पर तत्कालीन पाली पुलिस द्वारा 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था. 

2023 के लक्ष्मण देवासी हत्याकांड का सूत्रधार था आरोपी

अगस्त 2023 में लक्ष्मण देवासी नाम के व्यक्ति की दिनदहाड़े हत्या हुई थी. आरोपी इसका सूत्रधार था. उसके बाद से ही यह फरार चल रहा था. आईजी विकास कुमार ने बताया कि बुधवार की देर शाम कर्नाटक के शिवसी कस्बे से साइक्लोनर टीम ने नाटकीय ढंग से गिरफ्तार किया है. पिता के पास काफी खेतीबाड़ी थी, मगर उसका मन नहीं लगने पर पिता ने उसे स्टील व्यवसाइयों के साथ लगाया था. इसका दसवीं तक पढऩे के बाद मन नहीं लगता था. स्टील रोलिंग का सिखाया गया था. 

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स्कार्पियो का दीवाना, अपने ही साथी का करवाया था मर्डर

मगर उसे बाद में स्कार्पियो गाड़ी का नशा सा हो गया था. स्कार्पियो खुद चलाता था और फिर नशे के काम में उतर गया. उस वक्त शराब कारोबारियों ने उसे ज्यादा रफ्तार से स्कार्पियो चलाने को देखते हुए अपने साथ में शामिल किया. धीरे-धीरे आगे बढऩे के साथ वह शराब तस्करी का बेताज बादशाह बनने का सपना देखने लगा था. बाद में इसी कारोबार में लगे लक्ष्मण देवासी और उसकी गैंग आरोपी की आंखों में खटकने लगी.

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फरवरी 2024 में शराब की बड़ी खेप पकड़ाई थी

यूपी और हरियाणा से शूटर बुलाकर लक्ष्मण देवासी की हत्या करवा दी थी. उसके बाद से ही यह फरार चल रहा था. फरवरी-मार्च 24 तक शराब तस्करी का काम चोरी छुपे चलता रहा था. फरवरी 24 में भोजासर थाना क्षेत्र में शराब का एक ट्रक पकड़ा गया था. इसी के द्वारा भेजा गया था और उसे नामजद किया गया था और फिर यह साइक्लोनर टीम के रडार पर आने से विचलित हो गया.

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मन परिवर्तन होने पर प्रायश्चित करने निकला

बाद में आरोपी प्रकाश को यह महसूस हुआ कि उसके पिता अपराध की दुनिया से दूर रहने की बात कहते थे. इससे उसका मन भी परिवर्तित होने लगा था पिछले एक साल में वह सारे मंदिर और आश्रम घूम आया था. कश्मीर, हिमाचल, पंजाब हरियाणा उज्जैन, काशी विश्वनाथ, झारखंड, बंगाल, आसाम, मणिपुर, रामेश्वरम, महाराष्ट्र आदि मंदिरों में अपने पापों का प्रायश्चित करना शुरू कर दिया. सात दिन बाद जगह बदल देता था. पिछले एक साल ये यह सब चल रहा था.

स्कार्पियो से ही भारत के चारों कोनों तक यात्रााएं 

आरोपी प्रकाश द्वारा स्कार्पियो का नशा इतना बना रहा कि वह स्कार्पियो से ही भारत के चारों कोनों में यात्राएं करता रहा. जिस स्कार्पियो से शराब का नेटवर्क खड़ा किया यहां तक एस्काटिंग से लेकर तस्करी तक सभी कुछ स्कार्पियो में किया था, मगर वह पकड़ा गया तो अंतिम इच्छा जताई की उसे उसकी स्कार्पियो में ही ले जाया जाए.

यूं आया पकड़ में 

आरोपी प्रकाश इतना शातिर रहा कि वह अपने पास में मोबाइल भी नहीं रखता था. पत्नी और घरवालों से भी संपर्क नहीं करता था. भारत भर में यात्राएं करने के दौरान बाद में उसके पास में पैसों की कमी सताने लगी थी. तब उसने अपने करीबी मित्रों से संपर्क साधा था. धंधे और सुधार की बातें करता था. इस पर साइक्लोनर टीम ने उसे रडार पर लिया. बाहरी नंबर से दो बार संपर्क किया था.

नंबर कर्नाटक के हुबली का मिला 

नंबर का पता लगने पर मालूम हुआ कि वह कर्नाटक के हुबली इलाके में है. वहां जाने पर पता लगा कि जिस व्यक्ति के नंबर से फोन किया गया वह नारायण नाम बता रहा था, उसके पास में सफे द रंग की स्कार्पियो थी. जिस पर पुलिस गाड़ी नंगर से भी पीछा करने लगी और फिर कर्नाटक के हुबली के अलावा अन्य स्थानों पर जाकर स्टील री रोलिंग, फर्नीचर का काम करने वाले राजस्थानियोंं से मिली. तब आखिर में एक स्टील कंपनी में वह दस्तयाब किया जा सका.

जिन स्थानों पर रहा भगवान के नाम रखें 

आईजी विकास कुमार ने बताया कि आरोपी प्रकाश देश भर के मंदिरों की यात्राएं करता रहा और पापों को धोने के लिए जिन जिन स्थानों पर रहा वहां अपना नाम भी भगवान के नाम पर रखता रहा. कभी रामाकिशन तो कभी नारायण या फिर विष्णु, हनुमान और शिव बनकर रहा.

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