Jodhpur AIIMS News: कहते हैं इंसानियत कभी नहीं मरती. इसका उदाहरण जोधपुर निवासी सेवा राम ने अपनी आखिरी सांस में दो लोगों को नई जिंदगी देकर पेश किया है. हाल ही में सड़क दुर्घटना में घायल हुए सेवा राम जोधपुर एम्स में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे थे. लेकिन अचानक ब्रेन डेथ होने के कारण परिवार ने एक फैसला लिया और सेवा राम के जरिए दो लोगों को नई ज़िंदगी दी गई.
सड़क हादसे में आई थी सिर में चोट
सेवाराम जोधपुर में ट्यूशन पढ़ाने का काम करते थे. 29 जुलाई को वे अपने बेटे के लिए दवा लेकर घर जा रहे थे, तभी झालामुंड के जिला मोती मार्केट रोड पर अचानक एक तेज रफ्तार बाइक ने उनके स्कूटर को टक्कर मार दी.जिससे सेवाराम के सिर में चोट आई और उनका एक पैर भी टूट गया. जिसके बाद परिजन घायल सेवा राम को तुरंत एम्स अस्पताल लेकर आए जहां उनका इलाज शुरू किया गया. लेकिन 2 घंटे बाद ही वे कोमा में चले गए.
उम्मीद के साथ परिवार 4-5 दिन तक करता रहा इंतजार
कोमा में जाने के बाद, एम्स के डॉक्टरों ने सेवा राम के परिवार को बताया कि उसका ब्रेन डेड हो गया है. फिर भी, एक उम्मीद के साथ, परिवार चार-पांच दिन तक उसके होश में आने का इंतज़ार करता रहा, लेकिन सेवा राम की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ. जिसके बाद डॉक्टरों की एक टीम ने उसकी काउंसलिंग की और उसे अंगदान के लिए राज़ी किया. जिसके बाद परिवार अंगदान के लिए राजी हुआ.
अंगदान से बचाई 2 जिंदगियां
इसके बाद, ट्यूशन टीचर सेवा राम की दोनों किडनी दान कर दी गईं. ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एक किडनी जयपुर भेजी गई. दूसरी किडनी एम्स में भर्ती एक मरीज को प्रत्यारोपित की गई. इसके तहत, जोधपुर एम्स में ब्रेन डेड हो चुके ट्यूशन टीचर सेवा राम ने मरते-मरते दो लोगों को नई ज़िंदगी दे दी.
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