खुल गए रणथंभौर नेशनल पार्क के गेट, 3 महीने बाद शुरू हुई जंगल सफारी, जानें कैसे कर सकते हैं बुकिंग

Jungle Safari in Ranthambore: मानसून सत्र के दौरान हर साल तीन माह के लिए रणथंभौर नेशनल पार्क बंद रखा जाता है. इस बार भी 3 महीने के लिए नेशनल पार्क पूरी तरह से बंद था. आज से शुरू हुए नए टूरिस्ट सीजन के साथ रणथंभौर को पर्यटकों के लिए खोल दिए गया.

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Rajasthan News: राजस्थान से मानसून की विदाई होते ही मंगलवार सुबह रणथंभौर नेशनल पार्क (Ranthambore National Park) के दरवाजों को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया. करीब 3 महीने के बाद आज फिर से टूरिस्ट जंगल सफारी (Jungle Safari) का लुत्फ उठा सकेंगे. इस अवसर पर सभी टूरिस्ट का तिलक लगाकर तथा माला पहनाकर अभिनंदन किया गया. इसके बाद रणथंभौर बाघ परियोजना के मुख्य वन संरक्षक अनूप के.आर. ने हरी झंडी दिखाकर टूरिस्ट गाड़ियों को जंगल सफरी के लिए रवाना कर दिया.

स्कूली बच्चे भी करेंगे नेशनल पार्क का भ्रमण

मानसून सत्र के दौरान हर साल तीन माह के लिए रणथंभौर नेशनल पार्क बंद रखा जाता है. इस बार भी 3 महीने के लिए नेशनल पार्क पूरी तरह से बंद था. आज से शुरू हुए नए टूरिस्ट सीजन के साथ रणथंभौर को पर्यटकों के लिए खोल दिए गया. इस दौरान पर्यटकों का उत्साह देखने लायक था. रणथंभौर नेशनल पार्क की प्रथम पारी में ही टूरिस्ट गाड़ियां पर्यटकों से लबरेज दिखाई दीं. वन्य जीव सप्ताह के शुभारंभ अवसर पर आज स्कूली बच्चे भी केंटर में नेशनल पार्क भ्रमण के लिए भेजा जएगा.

पार्क के जोन नंबर 5 में पर्यटकों की एंट्री फिलहाल बैन

इस बार बरसात अधिक होने के कारण जंगल के रास्ते खराब हो गए थे, जिन्हें वन विभाग ने दुरुस्त कर दिया है. यह काम पूरे होने के बाद ही आज पर्यटकों को वन भ्रमण के लिए भेजा गया है. हालांकि जोन नंबर पांच पर टूरिस्ट का प्रवेश बंद रखा गया है. बताया जा रहा है कि यहां जगह-जगह पानी भरा हुआ है, और रास्ता भी खराब है, जिसे सही किया जा रहा है. यह काम पूरा होते ही इस जोन को टूरिस्ट के लिए खोला जाएगा.

रणथंभौर का टिकट बुकिंग पोर्टल बदला गया

रणथंभौर में नए पर्यटन सत्र से बुकिंग पोर्टल बदल गया है. पहले पर्यटन विभाग की साइट पर एसएसओ आईडी से बुकिंग होती थी. अब नई व्यवस्था के दौरान सैलानी अपने मोबाइल नम्बर या ईमूल से पर्यटन साइट पर जाकर बु​किंग कर सकेंगे. इसके लिए उन्हें ओटीपी भी मिलेगा. नए पर्यटन सत्र में 43 वाहन मॉडल कंडीशन से बाहर हुए हैं. वन विभाग ने उन वाहन मालिकों को मॉडल कंडीशन के हिसाब से एक साल की राशि भी दी है, लेकिन राशि केवल उनको दी जाएगी जिनके एक जिप्सी/केंटर है और मालिका सरकारी कर्मचारी नहीं है.

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