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"पैंथर पकड़ में नहीं आया तो 'शूट एट साइट' का ऑर्डर देंगे", वन मंत्री बोले-मानव जीवन सबसे अमूल्य 

 Panther Attacks in Udaipur: आदमखोर पैंथर उदयपुर में 10 दिन में 7 लोगों की मौत हो चुकी है. सोमवार (30 सितंबर) को गोगुंदा के पास मंदिर के पुाजरी विष्णु को पैंथर जंगल में ले जाकर मार डाला. वन मंत्री संजय शर्मा को बड़ा बयान सामने आया है.

"पैंथर पकड़ में नहीं आया तो 'शूट एट साइट' का ऑर्डर देंगे", वन मंत्री बोले-मानव जीवन सबसे अमूल्य 

 Panther Attacks in Udaipur: उदयपुर में आदमखोर पैंथर अब तक 7 लोगों की जान ले चुका है. अब वन विभाग ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए अलर्ट जारी किया है.  पैंथर को तलाशने के लिए 11टीम  बनाई गई है जो संभावित क्षेत्रों में सर्च कर रही है.  राजस्थान सरकार के वन मंत्री ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि दमखोर पैंथर को शूट एंड साइट के आदेश देने पर विचार करने का निर्णय लिया है.

सात लोगों की जान ले चुका है पैंथर

राजस्थान सरकार के वन मंत्री संजय शर्मा ने बताया कि आदमखोर पैंथर अब तक 7 लोगों की जान ले चुका है. उसको पकड़ने के प्रयास किया जा रहे हैं. अगर, वह पकड़ में नहीं आता है तो उसको सूट एंड साइट करने के आदेश भी दिए जा सकते हैं. क्योंकि, मानव जीवन अमूल्य है, इसलिए उनकी रक्षा करना पहला दायित्व है.

वन मंत्री बोले-जल्द निर्णय लिया जाएगा 

अगर कोई आदमखोर वन्य जीव हो जाता है तो उसको सूट एंड साइट किया जा सकता है. अभी वन विभाग की टीम में लगी हुई है और जयपुर से भी अधिकारियों की टीम उदयपुर जिले में गई है, इसलिए निश्चित रूप से इस पर शीघ्र निर्णय लिया जाएगा.

पैंथर के नहीं मिले पग चिह्न 

अब सवाल इस बात का भी सामने आ रहा है कि आखिर यह आदमखोर पैंथर है या और कोई है. क्योंकि, उदयपुर में लगातार हो रही बारिश के बाद भी अब तक उसके पग चिह्न नहीं देखे गए हैं. लेकिन, जिस तरीके से हमले हो रहे हैं और जिस संख्या में पैंथर हैं, कयास लगाए जा रहे हैं कि आदमखोर पैंथर है. वहां वन विभाग की टीम ने पिंजरे भी लगाए हैं .  

अब तक 4 पैंथर पकड़े गए. लेकिन, उनमें से एक भी पैंथर आदमखोर नहीं था. आखिर में यह आदमखोर पैंथर कौन सा है? क्या कहीं इसके पीछे कोई दूसरी बात तो नहीं है. इस बात के भी कयास किया जा रहे हैं. क्योंकि, अभी तक किसी ने भी उस आदम खोर पैंथर को नहीं देखा है.

पैंथर इनको बनाया शिकार 

  • 19 सितंबर को गोगुंदा के ऊंडिथल गांव में नाबालिग कमला को शिकार बनाया था. कमला घर से कुछ दूर जंगल में बकरियां चराने गई थी. जब वो शाम तक नहीं लौटी तो ग्रामीण उसकी तलाश में जुटे थे. अगली सुबह पहाड़ी पर उसका शव मिला जो कि घर से एक से डेढ़ किलोमीटर था. 
  • 19 सितंबर को ही गोगुंदा के भेवड़िया गांव में खुमाराम गमेती को शिकार बनाया. गमेती अपने बेटे के साथ खेत पर था और तेंदुएं को देखा.  बेटे को बिना बताए घर भेज दिया. शाम को जब घर वाले पहुंचे तो खेत में मिला उसका शव मिला. घर से यह भी करीब 1 किलोमीटर दूर की घटना है. 
  • 20 सितंबर को गोगुंदा तहसील के छाली पंचायत में वृद्धा हमेरी को शिकार बनाया. हमेरी घर से कुछ ही दूर पहाड़ पर बकरी चरा रहा थी. इस दौरान तेंदुएं ने हमला कर दिया और 500 मीटर दूर जंगल को तरफ ले गया. घर से 1 किलोमीटर दूर शाम करीब 6.30 बजे हुई घटना. 
  • 25 सितंबर को गोगुंदा तहसील के कुंडाऊ में 5 साल की बच्ची सूरज को शिकार बनाया. सूरज अपनी मां के साथ घर से 500 मीटर दूर नदी में नहा रही थी. मां ने सूरज को नहला कर कपड़े पहना पास बैठाया और खुद नहाने लगी. घात लगाए बैठे तेंदुआ उसे घसीटते हुए पहाड़ी पर ले गया. घटना स्थल से 300 मीटर दूर मिला शव
  • 28 सितंबर को गोगुंदा तहसील के गुर्जरों का गुड़ा गांव में वृद्धा गट्टू बाई को शिकार बनाया. गट्टू बाई घर से डेढ़ किलोमीटर दूर अकेली खेत पर दोपहर 12 बजे गई थी, रात 9 बजे मिली हमले की जानकारी मिली. घसीटते हुए 200 मीटर दूर खेत ले गया तेंदुआ. 

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