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राजस्थान में लुटेरी दुल्हन का पर्दाफाश, शादी के बाद लाखों रुपये लेकर हो जाती फरार ; पुलिस ने तीन ठगों को पकड़ा

राजस्थान में उदयपुर पुलिस ने शादी के नाम पर ठगी करने वाले शातिर गिरोह का पर्दाफाश किया. पुलिस ने एक महिला सहित तीन ठगों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने फर्जी शादी का झांसा देकर लाखों रुपये और जेवर लूटे थे.

राजस्थान में लुटेरी दुल्हन का पर्दाफाश, शादी के बाद लाखों रुपये लेकर हो जाती फरार ; पुलिस ने तीन ठगों को पकड़ा
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.

Rajasthan News: राजस्थान में शादी के नाम पर भोले-भाले लोगों को ठगने वाला एक शातिर गिरोह आखिरकार उदयपुर पुलिस के हत्थे चढ़ गया. कानोड़ थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक महिला सहित तीन ठगों को गिरफ्तार किया है. इस गिरोह ने फर्जी शादी का झांसा देकर लाखों रुपये और जेवरात लूटने की सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया था. पुलिस का दावा है कि इस गिरोह ने कई और लोगों को अपना शिकार बनाया है, जिनके बारे में जांच जारी है.

शादी का झांसा, लाखों की ठगी

उदयपुर के कानोड़ थाना क्षेत्र के अरनिया गांव के 35 वर्षीय पंकज खारोल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. पंकज की पहली पत्नी नौ साल पहले भाग गई थी. इसके बाद गांव के ही मांगीलाल ने पंकज की दूसरी शादी करवाने का वादा किया. मांगीलाल ने मध्य प्रदेश के रतलाम जिले की ललिता बाई से पंकज की शादी करवाई. शादी के लिए 100 रुपये के स्टांप पेपर पर इकरारनामा हुआ. लेकिन यह शादी एक बड़ा धोखा साबित हुई.

सिक्योरिटी के नाम पर लिए 1.5 लाख

ललिता बाई को शादी के लिए लाने वाले कैलाश और सुनील ने पंकज से सिक्योरिटी के नाम पर 1.5 लाख रुपये नकद लिए. इसके अलावा शादी में 30 हजार रुपये का अतिरिक्त खर्च भी हुआ. शादी के बाद ललिता बाई 10 दिन तक पंकज के साथ रही. फिर उसने मौसाजी की मौत का बहाना बनाया और पंकज को जावरा ले गई. वहां स्नान के बहाने वह 1.5 लाख रुपये के जेवर और नकदी लेकर फरार हो गई. पंकज को समझ आया कि उसे ठगा गया है.

पुलिस की तत्परता से हुआ गिरोह का पर्दाफाश

पंकज की शिकायत के बाद उदयपुर एसपी योगेश गोयल ने इस मामले को गंभीरता से लिया. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खेरवाड़ा अंजना सुखवाल और डीएसपी वल्लभनगर राजेंद्र सिंह के निर्देशन में कानोड़ थानाधिकारी मुकेश चंद्र की अगुवाई में एक विशेष टीम बनाई गई.

टीम ने तकनीकी जानकारी और मुखबिरों की मदद से मध्य प्रदेश के शिवगढ़ में छापेमारी की. वहां से तीन मुख्य आरोपियों में ललिता बाई, सुनील और कैलाश को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में पता चला कि यह एक सुनियोजित साजिश थी. ललिता बाई ने शादी के बाद जेवर और नकदी लेकर अपने पूर्व पति और बच्चों के पास रतलाम लौटने की योजना बनाई थी.

कई और वारदातों का खुलासा होगा

पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया कि यह गिरोह पहले भी कई लोगों को फर्जी शादी के जाल में फंसा चुका है. ठगों ने शादी के नाम पर मोटी रकम और जेवर लूटने का धंधा बना रखा था. पुलिस अब इस गिरोह के पूरे नेटवर्क को तोड़ने और अन्य पीड़ितों का पता लगाने के लिए गहन जांच कर रही है.

पुलिस टीम की मेहनत रंग लाई

इस मामले को सुलझाने में कानोड़ थानाधिकारी मुकेश चंद्र के साथ हेड कांस्टेबल लक्ष्मण लाल, कांस्टेबल सुनील, राजेंद्र, रिंकु कुमार, गोविंद और महिला कांस्टेबल भगवत कंवर की अहम भूमिका रही. उनकी मेहनत और सतर्कता ने इस शातिर गिरोह को बेनकाब किया.

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