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Rajasthan: लॉकअप में टॉर्चर, प्राइवेट पार्ट के उखाड़े बाल; पुलिस प्रताड़ना से परेशान युवक ने किया सुसाइड

मृतक युवक के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने चोरी के झूठे आरोप में उसके बेटे को पकड़ा और थाने ले जाकर शांति भंग की कार्रवाई में बंद कर दिया. वहां उसके साथ रातभर मारपीट की गई और जान से मारने की धमकी दी गई.

Rajasthan: लॉकअप में टॉर्चर, प्राइवेट पार्ट के उखाड़े बाल; पुलिस प्रताड़ना से परेशान युवक ने किया सुसाइड

Rajasthan News: बीते दिनों अलवर के शिवा पार्क थाना इलाके में अमित सैनी नाम के युवक के आत्महत्या मामले में कई नए मोड़ सामने आए हैं. युवक को पुलिस ने चोरी के मामले में हिरासत में लिया था. उस दौरान युवक के साथ 16 साल के नाबालिग को भी हिरासत में लिया गया था. युवक अमित सैनी के साथ हिरासत में लिए गए नाबालिग का कहना है कि पुलिस ने अमित को लॉकअप में बहुत टॉर्चर किया. दूसरे कमरे में ले जाकर 4 बार पीटा. नाबालिग ने दावा किया कि 16 केस कबूल करने का दबाव बनाया. यहां तक कि उसके प्राइवेट पार्ट के बाल तक उखाड़े.

सुसाइड नोट में लिखे पुलिसकर्मियों के नाम

नाबालिग ने कहा कि मैंने उन्हें बताया कि मैं नाबालिग हूं. फिर भी पुलिस ने मेरी उम्र 19 लिखी और लॉकअप में रखकर पीटा. पुलिस ने अमित के पर्स-मोबाइल भी नहीं लौटाए. 9 जुलाई को लॉकअप से बाहर आकर अमित ने जहर खाकर सुसाइड कर लिया. सुसाइड नोट में उसने 3 पुलिसकर्मियों के नाम लिखे. 

अमित सैनी के नाबालिग साथी ने बताया कि मैं 7 जुलाई की शाम 6 बजे घर से बिस्किट लेने निकला था. वहां आए तीन-चार पुलिसकर्मियों ने मेरा नाम पूछ गाड़ी में बैठा लिया. घरवाले आए तो उनसे भी कहा कि पूछताछ करनी है.

बारी-बारी से कमरे में बुलाकर किया टॉर्चर

मैंने बताया कि 5 जुलाई को मैंने अमित सैनी के कहने पर कबाड़ का सामान उठाया था. वह चिकानी (अलवर) में कबाड़ी को बेच दिया. फिर पुलिस मुझे उस कबाड़ी की दुकान पर लेकर गई. वहां से चोरी का माल बरामद कर मुझे थाने ले गई और लॉकअप में बंद कर दिया. तीन घंटे लॉकअप में बंद रखा. करीब तीन घंटे बाद अमित को भी लाकर बंद कर दिया. पुलिस हमें बारी-बारी से दूसरे कमरे में बुलाकर टॉर्चर करती रही. 8 जुलाई को मेरी नानी ने हम दोनों की जमानत दी.

जहर खाकर युवक ने किया था सुसाइड 

जमानत पर छूटने के बाद पुलिस ने हमें थाने बुलाया. मैं तो अपना सामान लेकर आ गया, लेकिन अमित को पुलिस ने उसका पर्स-मोबाइल नहीं दिया. 9 जुलाई को अमित ने जहर खाकर जान दे दी. मृतक के पिता लक्ष्मण सैनी के मुताबिक, 7 जुलाई को सदर थाना पुलिस ने चोरी के झूठे आरोप में उसके बेटे को पकड़ा और थाने ले जाकर शांति भंग की कार्रवाई में बंद कर दिया. वहां उसके साथ रातभर मारपीट की गई और जान से मारने की धमकी दी गई.

परिजनों ने वकील की मदद से उसे थाने से छुड़वाया, लेकिन उसका मोबाइल, पर्स और मोटरसाइकिल पुलिस और अन्य लोगों के पास ही रह गए, जिन्हें वापस न मिलने और थाने में हुए अपमान के कारण वह मानसिक रूप से टूट गया. अमित पहले एक निजी अस्पताल में काम करता था, लेकिन कुछ समय से बेरोजगार था. एक साल पहले ही उसकी शादी हुई थी. अमित के पास से मिला सुसाइड नोट दो पेज का है, जिसमें सभी आरोपियों के नाम स्पष्ट रूप से दर्ज हैं.

पुलिस बोली- कोई मारपीट नहीं हुई 

शिवाजी पार्क थानाधिकारी विनोद सामरिया ने बताया कि परिवार के लोगों के बयान दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी और मामले में सभी तथ्य जुटाए जा रहे हैं. अमित सैनी के सुसाइड के बाद नाबालिग के आरोप पर सदर थाना पुलिस के थानाधिकारी रमेश सैनी का कहना है कि युवक को शांति भंग में गिरफ्तार किया था और उपखंड अधिकारी के समक्ष पेश कर जमानत पर छोड़ दिया था. कोई मारपीट थाने में नहीं हुई.

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