राजस्थान की अद्भुत संस्कृति और अनोखे रंग हर किसी के दिल को छू जाते हैं. वहीं जोधपुर दुनिया भर के सैलानियों के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र बना हुआ है. इस कड़ी में शुक्रवार को मशहूर गायक कैलाश खेर भी जोधपुर पहुंचे. जोधपुर पहुंचकर कैलाश खेर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि इस शहर से उनका रिश्ता बेहद खास है. उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, ''जोधपुर को सूर्य नगरी और नील नगरी भी कहा जाता है. मैं यहां पहले भी एक कार्यक्रम के लिए आया था और इस शहर ने मुझे बहुत प्यारी यादें दी थीं. जब भी मैं जोधपुर आता हूं, यहां की खूबसूरत यादें अपने साथ लेकर जाता हूं.''
"राजस्थान की सर्दियां मुझे बेहद पसंद"
कैलाश ने आगे कहा, ''राजस्थान की सर्दियां हमेशा से मुझे बेहद पसंद रही हैं, खासतौर पर यहां की गुनगुनी धूप सर्द मौसम में किसी हल्के गर्म स्पर्श जैसी लगती है. इस मौसम में मैं अपने दुनिया भर के दोस्तों को आमंत्रित करता हूं कि वे राजस्थान जरूर आएं. आप राज्य के किसी भी हिस्से में चले जाएं, हर जगह कुछ न कुछ अद्भुत आपका इंतजार कर रहा होता है.''
कैलाश खेर का अंदाज बिल्कुल अलग
कैलाश खेर का अंदाज और आवाज बेहद हटकर है. उनके शुरुआती दिनों की बात करें तो उन्होंने मुंबई में संघर्ष करते हुए पहले विज्ञापनों के लिए जिंगल्स गाए थे, और धीरे-धीरे उनके गीतों ने लोगों के दिलों में जगह बनानी शुरू की. उनको असल पहचान 'अल्लाह के बंदे' गाने से मिली, जिसने उन्हें रातों रात स्टार बना दिया. इसके बाद उनका गाना 'तेरी दीवानी' आज भी सूफी-फ्यूजन म्यूजिक का सबसे लोकप्रिय ट्रैक माना जाता है. उन्होंने अपने करियर में हिंदी के साथ-साथ तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, बंगाली, गुजराती, मराठी और कई अन्य भाषाओं में गाने गाएं.
कैलाश खेर को उनके काम के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिले, जिनमें फिल्मफेयर अवॉर्ड, स्टार स्क्रीन अवॉर्ड्स, यश भारती सम्मान और भारत सरकार द्वारा दिया गया पद्मश्री सम्मान भी शामिल है.
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