Kali Bai Bheel Scooty Scheme: राजस्थान की मेधावी छात्राओं को सरकार की ओर से दी जाने वाली स्कूटी खुले में खड़ी-खड़ी कबाड़ हो रही है. काली बाई भील स्कूटी योजना के तहत इन स्कूटियों का वितरण होना था. लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण बीते 9 महीने से कई स्कूटियां खुले में पड़ी है. दूसरी ओर जिन छात्राओं को ये स्कूटी मिलनी थी, वो अब भी इंतजार कर रही है. बीते दिनों खुले में स्कूटियों के कबाड़ होने की खबर राजस्थान के बांसवाड़ा जिले से सामने आई थी. अब ऐसा ही मामला राजस्थान के डूंगरपुर जिले से सामने आई है.
डूंगरपुर में एक हजार मेधावी छात्राएं कर रही स्कूटी का इंतजार
राज्य सरकार की काली बाई स्कूटी योजना को जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग और कॉलेज शिक्षा विभाग के अधिकारी पलीता लगा रहे है. डूंगरपुर जिले की एक हजार होनहार बेटियां स्कूटियों इन्तजार कर रही है. लेकिन छात्राओं को मिलने वाली ये स्कूटियां डूंगरपुर शहर के गोकुलपुरा स्थित टीवीएस कम्पनी के डीलर के बाड़े में पड़े-पड़े कबाड़ हो रही है.
सत्र 2022-23 के छात्राओं को नहीं मिली स्कूटी
मालूम हो कि राजस्थान में काली बाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना के तहत 12वीं कक्षा में अच्छे अंक लाने वाली छात्राओं को स्कूटी दी जाती है. कॉलेज निदेशालय की ओर से अभी सत्र 2023-24 की छात्राओं को स्कूटी दे रहा है. लेकिन इससे पहले के सत्र 2022-23 की एक हजार छात्राओं को अब तक स्कूटी नहीं मिली है.
वर्ष 2022-23 में एक हजार 168 छात्राओं का स्कूटी योजना में चयन हुआ था. इसमें से विधानसभा चुनाव से पहले 168 छात्राओं को स्कूटी का वितरण कर दिया गया था. लेकिन शेष एक हजार छात्राओं को आज भी इन स्कूटी का इन्तजार है.
स्कूटी के लिए दर-दर की ठोकर खा रही छात्राएं
सत्र 2022-23 की छात्राएं स्कूटी पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही हैं. छात्राओं की ओर से कई बार प्रदर्शन करते हुए स्कूटी देने की गुहार लगाईं गई. लेकिन बेटियों को शासन व प्रशासन से केवल आश्वासन ही मिला. जबकि ये स्कूटिया सरकार की ओर से 28 मार्च 2024 को खरीद ली गई थी. 19 मई को प्रत्येक छात्रा के नाम से आरटीओ रजिस्ट्रेशन व बीमा तक भी चुका है.
लेकिन ये स्कूटी टीवीएस कम्पनी के एक डीलर के बाड़े में 9 माह पहले ही आ गई थी. लेकिन इन स्कूटी को वितरण करने की जहमत ना तो टीएडी विभाग और न ही कॉलेज निदेशालय ने उठाई.
खुले में खड़े-खड़े नई स्कूटियों का कलर तक उड़ गया
इधर जयपुर स्तर के विभागीय अधिकारियों की ओर से ध्यान नहीं दिए जाने के चलते ये स्कूटी पिछले 9 माह से बाड़े में धूल खाते हुए कबाड़ में तब्दील हो रही है . सर्दी, गर्मी और बारिश में खुले में पड़ी होने से इन स्कूटी की बॉडी खराब हो रही है. नई-नवेली स्कूटी का कलर तक उड़ गया है, फ्यूल की नलिया व तार भी टूट चुके हैं.
स्कूटी के बारे में स्थानीय अधिकारियों को जानकारी तक नहीं
खुले में पड़े-पड़े कबाड़ हो रही स्कूटी के संबंध में वीकेबी गर्ल्स कॉलेज के प्राचार्य और नोडल अधिकारी पीएल डामोर से बात की गई तो उन्होंने बताया की उनके पास सत्र 2022-23 की विधानसभा चुनाव से पहले सिर्फ 168 स्कूटी आई थी, जिसका वितरण कर दिया गया था . इसके बाद सत्र 2022-23 की कोई स्कूटी नहीं है. न ही उनके सम्बन्ध में कॉलेज निदेशालय की ओर से कोई निर्देश मिले है.
कांग्रेस विधायक ने सरकार पर साधा निशाना
सत्र 2022-23 की छात्राओं को स्कूटी नहीं मिलने और स्कूटियों के कबाड़ होने के मामले में डूंगरपुर के कांग्रेस विधायक गणेश घोगरा ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि स्कूटी होते हुए भी सरकार इनका वितरण नहीं करवा रही है. ये भाजपा सरकार की आदिवासियों के प्रति सोच को उजागर करता है.
क्या है कालीबाई भील स्कूटी योजना
कालीबाई भील स्कूटी योजना राजस्थान सरकार की एक योजना है. इस योजना के तहत, मेधावी छात्राओं को स्कूटी दी जाती है.
- इस योजना के लिए आवेदन करने के लिए इन शर्तों को पूरा करना होता है.
- छात्रा राजस्थान की मूल निवासी हो.
- छात्रा की सालाना पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये से कम हो.
- छात्रा ने 12वीं कक्षा में कम से कम 65% अंक हासिल किए हों.
- छात्रा ने RBSE बोर्ड से 12वीं की हो या CBSE बोर्ड से 12वीं की हो.
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