राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र ने वक्फ बोर्ड विधेयक का क‍िया समर्थन, तुष्टीकरण की राजनीति को बताया खतरे की घंटी

वीर सावरकर पर हो रही बयानबाजियों को लेकर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि कुछ लोग सावरकर को लेकर विवाद उत्पन्न कर रहे हैं. यह बहुत गलत है. वीर सावरकर एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे.

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राजस्थान के पूर्व राज्यपाल ने सावरकर के योगदान को सराहा.

Rajasthan News: राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) ने शनिवार को अहमदाबाद में वक्फ बोर्ड (Central Waqf Council) को लेकर अपनी राय दी. उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड किसी खास धर्म से संबंधित नहीं है. यह एक संस्था है, जो लोगों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं लागू करने में मदद करती है. हालांकि, इसका दुरुपयोग और जिस तरह से तुष्टीकरण की नीतियों को बढ़ावा दिया गया है, वह चिंताजनक है.

'वक्फ बोर्ड की आलोचना ठीक नहीं'

मिश्र ने कहा कि वक्फ बोर्ड के माध्यम से विभिन्न समाजों के लिए लाभकारी योजनाएं चलाई जा सकती हैं, लेकिन अगर इसका गलत इस्तेमाल किया गया तो यह समाज के लिए खतरनाक हो सकता है. उन्होंने वक्फ बोर्ड के विधेयक को संसद से पारित होने का समर्थन करते हुए कहा कि इसमें किसी भी तरह की साम्प्रदायिकता का कोई स्थान नहीं है और आलोचनाएं अक्सर राजनीतिक पूर्वाग्रहों से उत्पन्न होती हैं. वे लोग जो वक्फ बोर्ड के बारे में आलोचना करते हैं, वह अपने राजनीतिक दृष्टिकोण के कारण ऐसा करते हैं, जो उचित नहीं है.

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कलराज मिश्र ने कहा कि इस बार जो वक्फ बोर्ड से संबंधित कानून बनाए जा रहे हैं, उसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अगर वक्फ संपत्तियां अवैध रूप से कब्जाई जाती हैं तो उन्हें नियंत्रित किया जाए और उन्हें नियमित किया जाए. इस संदर्भ में यह कदम सकारात्मक दिशा में है.

'वीर सावरकर एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे'

वीर सावरकर पर हो रही बयानबाजियों को लेकर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि कुछ लोग सावरकर को लेकर विवाद उत्पन्न कर रहे हैं. यह बहुत गलत है. वीर सावरकर एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए अपनी जान की बाजी लगाई. उन्होंने जेल में रहकर स्वतंत्रता संग्राम के बारे में पुस्तकें लिखीं और देश की आजादी के लिए कड़ा संघर्ष क‍िया और साहस दिखाया.

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'सावरकर का अपमान मतलब देशभक्तों का अपमान'

उन्होंने यह भी कहा कि सावरकर को अपमानित किया जा रहा है, जो बिल्कुल गलत है. सावरकर के बारे में जो लोग नकारात्मक बातें करते हैं, वह देशभक्तों का अपमान कर रहे हैं. उनका संघर्ष और समर्पण अविस्मरणीय है और हमें उन्हें सम्मान देना चाहिए.

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'तुष्टीकरण की राजनीति देश के लिए खतरे की घंटी'

वहीं, तुष्टीकरण की राजनीति पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह देश के लिए खतरे की घंटी हो सकती है. उन्होंने कहा कि भारतीय समाज को एकजुट रहने की आवश्यकता है और तुष्टीकरण की राजनीति से बचना चाहिए, जो समाज में विभाजन पैदा कर सकती है.

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