Karauli Animal Fair: राजस्थान के करौली जिले का पशु मेला रियासतकाल से चलता हुआ आ रहा है. लेकिन कुछ सालों से इस मेले में बैल, गाय, भैंस, बकरी, जैसे अन्य जानवर कम देखने को मिले रहे है. अबकि बार इस मेले में अन्य जानवरों के मुकाबले ऊंट अधिक देखे जा रहे है. इस बार मेले में प्रदेश के अलग-अलग कोने से पशुपालक अपने ऊंटों को खरीदने और बेचने के लिए आए है.
दंगल राजा ऊंट के सभी दिवाने
ऊंट दंगल में राजा की दौड़ के सभी दिवाने है. राजा अपनी तेज रफ्तार के लिए जाना जाता है, यह 70-80 किमी/घंटा की स्पीड से 5 किलोमीटर की दूरी एक बार में तय कर सकता है. इसकी दौड़ को देखने के लिए दंगल की दौड़ प्रतियोगिता में हजारों दर्शक एकत्रित हो जाते है. यह ऊंट राजस्थान के सांचौर-बालोतरा क्षेत्र से ताल्लुक रखता है, जहां ऊंटों की बेहतरीन नस्लें पाई जाती हैं.
सांचौर बालोतरा के राजा ऊंट ने 7 पुरस्कार जीते, जिले के कटकड़ गांव निवासी (पशुपालक) ने बताया कि इस ऊंट का नाम राजा है, जिसने दंगल में 7 पुरस्कार और भरतपुर हेलेने-पतेने के दंगल में प्रथम पायदान आने पर 51 हजार रुपये की नगद राशि, वहीं टोडाभीम के दंगल में 21 हजार रुपये की नगद राशि प्राप्त की है.
दौड़ में तेज, शानदार कद-काठी और ताकत के लिए भी मशहूर
बतादें कि शहर के मेला गेट स्थित पशु मेला 12 फरवरी से आयोजित किया जा रहा है, जिसका समापन 22 फरवरी को होगा. इस मेले में अबकि बार 5 दिन में 300 के करीब ऊंट पशुपालक ऊंट लेकर पहुंच चुके हैं. इस मेले की पहचान राजा नाम के ऊंट ने और अत्यधिक बढ़ा दी है.
इस ऊंट को देखने के लिए शहर और गांव के लोग भारी संख्या में देखने के लिए पहुंच रहे है, इसकी खरीददारी की बात की जाएं तो इस ऊंट को खरीदने के लिए इसके मालिक को डेढ़ लाख रुपये तक की रकम लगा दी गई है.
ये भी पढ़ें- मुख्यमंत्री जन आवास योजना में एक और बड़ी गड़बड़ी, 2500 लोगों की शिकायत... अधिकारी कर रहे टाल मटोल