भाजपा-कांग्रेस दोनों को परेशान कर रही यह लोकसभा सीट, सियासी समीकरण ऐसा कि कुछ समझ ही नहीं आ रहा

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव की घोषणा हो गई है. 19 अप्रैल से 7 चरणों में पूरे देश में लोकसभा चुनाव संपन्न होगा. वोटों की गिनती 4 जून को होगी.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

Lok Sabha Elections 2024:  लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ देश में आचार संहिता लग चुका है. 19 अप्रैल से 7 चरणों में पूरे देश में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होनी है. लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा, कांग्रेस ने अभी तक दो-दो प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है. लेकिन कई सीटें ऐसी हैं, जिनका सियासी समीकरण ऐसा उलझा हुआ है कि दोनों ही दलों ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. राजस्थान में भी एक ऐसी ही सीट है. इस सीट का सियासी समीकरण ऐसा फंसा है कि दोनों दल अभी तक वेट एंड वॉच की मुद्रा में है. इससे टिकट के दावेदारों की धड़कनें तेज है. वहीं प्रत्याशियों की घोषणा में हो रही देरी से चुनावी रंगत फीकी पड़ रही है. 

राजस्थान में दो चरण यानि 19 और 26 अप्रैल को चुनाव होने है. उसमें भी पूर्वी राजस्थान के जिलों में शामिल करौली धौलपुर लोकसभा का चुनाव 19 अप्रैल के चरण में होना है और चुनाव की तैयारी को पार्टी और प्रत्याशियों के पास करीब महीने भर का समय है, लेकिन अभी तक भाजपा और बीजेपी दोनों ही मुख्य पार्टियों के द्वारा प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की गई है.

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प्रत्याशियों की घोषणा के पीछे पार्टियां वेट एंड वॉच की स्थिति में है. दोनों ही पार्टियां एक दूसरे के प्रत्याशी के मैदान में उतारने पर नजर गढ़ाए हुए है. दोनों ही पार्टी संभवतया पहले प्रत्याशी घोषित करने से बच रही है. इधर चुनाव में महज एक महीने का ही समय बचा है.


ऐसे में प्रत्याशियों के सामने दो जिलों में आठ विधानसभा क्षेत्र में जनता तक पहुंचना संभव दिखाई नहीं देता. उधर प्रत्याशी चयन को लेकर दिनों दिन हो रही देरी से दावेदारों का धैर्य जवाब दे रहा है. हालांकि भाजपा और कांग्रेस के द्वारा एक या दो दिन में प्रत्याशियों की घोषणा की जा सकती है. ऐसे में माना जा रहा है कि करौली धौलपुर लोकसभा के प्रत्याशी भाजपा और कांग्रेस पार्टी की तरफ से जारी होने वाली अगली सूची में घोषित किए जा सकते हैं.

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कड़ी टक्कर में है करौली धौलपुर सीट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित भाजपाई राजस्थान में तीसरी बार 25 सीट जीतने का दावा कर रहे हैं, लेकिन करौली धौलपुर लोकसभा सीट को लेकर अब तक हुए तमाम सर्वे में इस सीट को कड़ी टक्कर वाली सीटों में गिना जा रहा है. हालांकि पिछले दो बार से यह सीट भाजपा के खाते में जा रही है, लेकिन पूरे प्रदेश में सबसे कम मार्जिन से भाजपा करौली धौलपुर सीट से ही जीती है. वह भी तब जब पूरा चुनाव प्रत्याशी के चेहरे के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर लड़ा गया. 

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इस बार भी यहां कड़ा संघर्ष देखने को मिल सकता है, और सीट भाजपा के लिए चुनौती बनी हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हवा को छोड़ दिया जाए तो इस सीट पर जातीय समीकरण कांग्रेस के पक्ष में दिखाई पड़ते हैं. कांग्रेस धौलपुर जिले में हाल ही में हुए विधानसभा में चार में से तीन सीटें जीती है, वहीं भाजपा खाता नहीं खोल सकी. करौली जिले में चार विधानसभा सीटों में से दो भाजपा और दो कांग्रेस पार्टी ने जीती है. ऐसे में आठ विधानसभा सीटों में भाजपा के पास दो सीटें है. देखा जाए तो यह समीकरण भाजपा की चिंता जरूर बढ़ा सकते हैं. वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर चली तो बीजेपी सीट बचाने में कामयाब रहेगी.

चुनावी रंगत फीकी, टिकटों को लेकर सियाशी चर्चाएं गर्म

भाजपा, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी समेत अन्य दलों द्वारा करौली धौलपुर क्षेत्र से लोकसभा प्रत्याशी घोषित नहीं किए जाने से चुनावी रंगत फीकी नजर आ रही है. आम मतदाता के साथ राजनीतिक लोग टिकट कटने और मिलने की संभावना अपने-अपने गणित के मुताबिक लगा रहे हैं. चुनावी प्रचार की रंगत भी जिले में फीकी देखी जा रही है. करौली धौलपुर संसदीय क्षेत्र का आम मतदाता एवं राजनीतिक लोग टिकटों की तरफ टकटकी लगाए बैठे है.

टिकटों के दावेदार ठोक रहे टाल

करौली धौलपुर संसदीय क्षेत्र आरक्षित है. लेकिन टिकटों के दावेदारों की भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में भरमार देखी जा रही है. भाजपा से वर्तमान सांसद डॉ मनोज राजोरिया, मनरूप सिंह जाटव, उषा जाटव, इंदु देवी, पूर्व विधायक सुखराम कोली, पूर्व विधायक रानी सिलोटिया,विवेक सिंह,मदन कोली,प्रेम सिंह भास्कर,कमल पहाड़िया,बीड़ी इंदौरा दावेदारी कर रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी में रिटायर्ड आईएएस प्रेम सिंह मेहरा एवं रिटायर्ड आईएएस नन्नूमल पहाड़िया भी भाजपा से टिकट की डिमांड कर रहे हैं. वहीं कांग्रेस से पूर्व मंत्री ममता भूपेश, अनीता जाटव, रक्षपाल सिंह, लखीराम बेरवा आदि दावेदारी कर रहे हैं.

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