हिंडौन की मूक-बधिर बालिका हत्याकांड में पुलिस का बड़ा खुलासा, बच्ची की मां-पिता और मामा ने रची थी हत्या की साजिश, गिरफ्तार

Karauli Hindaun City Dimple Meena Murder Case: करौली जिले के हिंडौन सिटी में 10 साल की मूक-बधिर बच्ची डिंपल मीणा की हत्या के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है. पुलिस ने बताया कि बच्ची की जलने से नहीं बल्कि जहर खाने से मौत हुई थी. पुलिस के अनुसार बच्ची की मां-पिता और मामा ने ही उसकी हत्या की साजिश रची थी.

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Karauli  Hindaun City Dimple Meena Murder Case: राजस्थान के करौली जिले के हिंडौन सिटी में 10 साल की मूक-बधिर बच्ची डिंपल मीणा (Dimple Meena Murder Case) की हत्या के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है. बीते कई दिनों से इस केस में न्याय के लिए बच्ची के परिजन जयपुर (Jaipur) में धरने पर बैठे थे. लेकिन आज पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि बच्ची की मां, पिता और उसके मामा ने भी उसकी हत्या की साजिश रची थी. पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है. मालूम हो कि नई मंडी हिंडौन सिटी में 9 मई पुलिस को इस केस सूचना मिली थी. जिसमें बताया गया था कि 10 वर्षीय मूक बधिर बच्ची डिंपल मीणा जली हुई हालत में अस्पताल में भर्ती हुई है. इस केस में बच्ची के परिजनों ने दुष्कर्म की आशंका भी जताई थी. लेकिन मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की बात गलत निकली. साथ ही सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह रहा कि बच्ची की हत्या की साजिश किसी और ने नहीं बल्कि उसकी मां, उसके पिता और उसके मामा ने ही रची थी. 

शनिवार को पुलिस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि बच्ची की जलने से मौत नहीं हुई थी. बल्कि उसे इलाज के दौरान जहर दिया गया था. बालिका के सगे मामा और माता-पिता द्वारा यह षड़यंत्र रचा गया था. मालूम हो कि पिछले एक माह से पुलिस के लिए हत्याकांड एक पहेली बना हुआ था. मृतका के साथ दुष्कर्म नहीं होने के भी पुलिस को साक्ष्य एवं आधार मिल गए है. बालिका के माता-पिता ने संदिग्ध ललित शर्मा को फंसाने का प्रयास किया था. 

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क्या है हिंडौन सिटी मूक-बधिर बच्ची की हत्या का मामला

इस मामले की शुरुआत 10 साल की मूक-बधिर बच्ची को जिंदा जलाने की घटना से हुई थी. करौली जिले के हिंडौन में 9 मई सुबह 9 से 10 बजे के बीच घर के बाहर खेल रही 10 साल की मूक बधिर बच्ची को घर से 100 मीटर दूर खेत में पेट्रोल डालकर जला दिया गया था. जिसके बाद निर्वस्त्र बच्ची दौड़ती हुई अपने घर पहुंची थी और अपने ऊपर पानी डाल लिया. बच्ची ने मां को इशारों में समझाने की कोशिश कि दो लोग पटरियों की तरफ भाग गए. आग से बच्ची बुरी तरह से झुलस चुकी थी. घटना के बाद परिजन बच्ची को हॉस्पिटल लेकर पहुंचे.

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पीड़ित परिवार मूलरूप से गंगापुर सिटी जिले टोडाभीम का रहने वाला है. करौली जिले के नई मंडी थाना क्षेत्र में किराए पर रहता है. घटना 9 मई सुबह करीब 10 बजे की है. घर के पास ही खेत में से बच्ची झुलसी हुई अवस्था में दौड़ती हुई घर आई थी. जिसे परिजनों द्वारा हिंडौन सिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. बच्ची की हालत नाजुक थी, लिहाजा 9 मई को ही बच्ची को जयपुर SMS रेफर कर दिया गया था. जहां 14 मई को शाम करीब 6.30 बजे मूक बधिर एक्सपर्ट द्वारा बच्ची के बयान रिकॉर्ड किए गए हैं. 20 मई को इलाज के दौरान मौत होने के बाद 21 मई को पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया. अब यह मामला तुल पकड़ चुका है. 

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अब पुलिस ने मामले के खुलासे में क्या कुछ कहा

पुलिस ने बताया कि हिंडौन सिटी पुलिस द्वारा जब अस्पताल जाकर बच्ची का बयान दर्ज करने के प्रयास किए गए बालिका बयान दर्ज करने की स्थिति में नहीं थी. बच्चों के माता-पिता द्वारा घटनाक्रम के बारे में कुछ नहीं बताया गया और उसको जयपुर रेफर कर दिया गया. 11 मई को पीड़िता के पिता करण सिंह निवासी दादनपुर थाना टोडाभीम द्वारा जानबूझ कर झूठी रिपोर्ट दी गई जिसमें लड़की को दो जनों द्वारा जलाकर रेलवे लाइन की तरफ भागना बताया गया. 

डिंपल मीणा को न्याय दिलाने के लिए धरने पर बैठीं महिलाएं,

बच्ची के परिजनों ने दुष्कर्म की झूठी अफवाह फैलाई

इसके बाद पुलिस ने पीड़िता के अनुवादक द्वारा इलाज के दौरान बयान दर्ज किया और जिसकी वीडियोग्राफी कराई गई. बयानों में पीड़िता द्वारा एक व्यक्ति द्वारा पेट्रोल से जलाना बताया गया लेकिन दुष्कर्म जैसी कोई घटना घटित नहीं हुई. पुलिस ने इस दौरान मोबाइल के जरिए कुछ व्यक्तियों के फोटो दिखाएं जिसमें उसने पहचान लिए. 20 मई को लड़की की मौत हो गईऔर मौत के बाद परिजनों द्वारा सोशल मीडिया पर मूक-बधिर बालिका से दुष्कर्म कर चलाने की झूठी अफवाह फैलाई गई इस मामले पर गहन से जांच  किया गया. 

डिंपल मीणा मर्डर केस में पुलिस द्वारा किए गए खुलासे के प्रमुख तथ्य.

मां से लड़ाई के बाद बच्ची ने खुद ही लगाई थी आग

पुलिस जांच के दौरान पहली नजर में यह पाया गया कि पीड़िता की उसकी मां से लड़ाई होने के उपरांत गुस्सा होकर भाग कर स्वयं को जलनशील पेट्रोल से जलने की कोशिश की गई. मां द्वारा इस सच को छिपा कर मौके से  पेट्रोल वाली बोतल को लाकर अपने घर में छुपा कर रखा गया. दो दिन बाद सोच समझ कर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया. पुलिस ने इस मामले में करण सिंह उर्फ हरकेश पुत्र रूप सिंह मीणा, उसकी पत्नी  कमलेशी  पत्नी करण सिंह एवं राजेश मीणा  के विरुद्ध मामला पाए जाने पर गिरफ्तार किया गया. इधर इस खुलासे के बाद लड़की के माता-पिता को जयपुर से धरना स्थल से गिरफ्तार कर लिया गया है. 

सोशल मीडिया पर कई लोग पुलिस के खुलासे पर उठा रहे सवाल

दूसरी ओर सोशल मीडिया पर कई लोग पुलिस के खुलासे पर सवाल उठाते नजर आ रहे हैं. कई लोगों का यह कहना है कि कोई भी माता-पिता अपनी बच्ची को क्यों जलाएगा. कई लोग यह भी कहते दिख रहे है कि इस मामले में पुलिस असली आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है. लेकिन फिलहाल इस मामले में हमारे पास जो तथ्य आए हैं, उसके अनुसार इस बहुचर्चित केस की कहानी यही हैं. मालूम हो कि बच्ची के पिता ने धरना प्रदर्शन के दौरान कहा था कि बच्ची ने जिस आरोपी ललित शर्मा को पहचाना था, वह बीजेपी नेता अशोक पाठक का भतीजा है. 

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