Rajasthan News: राजस्थान के करौली में इस बार दशहरा उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा. करीब 20 साल बाद शहर में रावण दहन की परंपरा फिर से शुरू हो रही है. नगर परिषद की ओर से मुंशी त्रिलोकचंद माथुर स्टेडियम में भव्य आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं. 51 फीट ऊंचा रावण का पुतला, सजीव झांकियां, आतिशबाजी और रोशनी का शानदार नजारा इस दशहरे को यादगार बनाएगा. शहरवासियों में इस आयोजन को लेकर जबरदस्त उत्साह है.
51 फीट ऊंचा रावण पुतला होगा मुख्य आकर्षण
इस बार रावण का पुतला 51 फीट ऊंचा बनाया जा रहा है. सभापति प्रतिनिधि सुशील शर्मा ने बताया कि कारीगर और श्रमिक दिन-रात पुतला बनाने में जुटे हैं. दशहरे की शाम जब यह विशाल पुतला जलेगा तो आतिशबाजी और रंग-बिरंगी रोशनी से स्टेडियम का माहौल और भी शानदार हो जाएगा. यह नजारा बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी के लिए खास होगा.
सजीव झांकियां बढ़ाएंगी उत्सव का रंग
रावण दहन के साथ-साथ सजीव झांकियां इस आयोजन की जान होंगी. राम दरबार, बाहुबली हनुमान और उनकी सेना, भगवान शिव की जीवंत झांकियां लोगों का मन मोहेंगी. ये झांकियां धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाएंगी. खासकर बच्चों और युवाओं के लिए ये झांकियां खास आकर्षण का केंद्र रहेंगी.
मनोरंजन के लिए विशेष इंतजाम
नगर परिषद ने इस बार मनोरंजन का भी पूरा ध्यान रखा है. स्टेडियम को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जाएगा. बच्चों के लिए विशेष मनोरंजन कार्यक्रम और झांकियां होंगी. आतिशबाजी का शानदार प्रदर्शन उत्सव को और भी रोमांचक बनाएगा. आयोजकों का कहना है कि यह उत्सव करौली की सांस्कृतिक धरोहर को फिर से जीवंत करेगा.
2002 में शुरू हुई थी परंपरा, 2006 में रुकी
करौली में रावण दहन और रामलीला की शुरुआत 2002 में हुई थी. चार साल तक यह आयोजन बड़े उत्साह से हुआ, लेकिन 2006 में किसी विवाद के कारण यह परंपरा बंद हो गई. इसके बाद से शहरवासी इसकी वापसी की मांग कर रहे थे. करौली विकास मंच ने नगर परिषद को ज्ञापन देकर इसकी मांग उठाई, जिसके बाद प्रशासन ने इसे फिर से शुरू करने का फैसला लिया.
प्रशासन की सक्रियता से लौटी रौनक
करौली के एसडीएम और कार्यवाहक नगर परिषद आयुक्त प्रेमराज मीना ने बताया कि जिला कलेक्टर के निर्देश पर यह आयोजन दोबारा शुरू किया जा रहा है. नगर परिषद और प्रशासन की टीमें पुतला निर्माण, सजावट, आतिशबाजी और झांकियों की तैयारियों में जुटी हैं. सुरक्षा के लिए पुलिस, फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस और बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई है.
जनता में उत्साह, सांस्कृतिक पहचान को बल
20 साल बाद रावण दहन की वापसी से करौली के लोग उत्साहित हैं. परिवार स्टेडियम पहुंचने की तैयारियां कर रहे हैं. लोगों का मानना है कि यह आयोजन धार्मिक आस्था को बढ़ाएगा और करौली की सांस्कृतिक पहचान को नई ऊर्जा देगा. करौली विकास मंच के बबलू शुक्ला ने प्रशासन का आभार जताते हुए कहा कि यह आयोजन आने वाली पीढ़ियों को परंपराओं से जोड़ेगा.
दशहरा बनेगा ऐतिहासिक
सभापति डॉ. राजरानी शर्मा ने कहा कि 51 फीट ऊंचे रावण पुतले का दहन, राम दरबार और भगवान शिव की झांकियां करौली के इतिहास में एक यादगार पल बनाएंगी.