Rajasthan: करौली के जर्जर स्कूल पर एक्शन में SDM, दीवारों में करंट और जर्जर हालत देख हुए हैरान

करौली जिले में लगातार चार दिनों से बारिश के चलते बंद चल रहे एक जर्जर स्कूल की समस्या पर अब स्थानीय प्रशासन हरकत में आया है.

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Karauli News
NDTV

 Karauli News: राजस्थान में पिछले दिनों झालावाड़ के सरकारी स्कूल की छत गिरने से 7 मासूमों की जान जाने के बाद से प्रशासन अलर्ट मोड में है. जिसके बाद से प्रदेश के सभी जिलों के स्कूलों में जांच के आदेश दे दिए है. वही करौली जिले में लगातार चार दिनों से बारिश के चलते बंद चल रहे एक जर्जर स्कूल की समस्या पर अब स्थानीय प्रशासन हरकत में आया है. मंगलवार को एसडीएम प्रेमराज मीणा ने खुद मौके पर पहुंचकर औचक निरीक्षण किया और स्कूल की स्थिति देखकर दंग रह गए.

जर्जर स्कूल की भयावह तस्वीर

राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नंबर 5, जो कि वजीरपुर दरवाजे के ऊपर 1963 से संचालित हो रहा है, अब पूरी तरह से जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है. स्कूल की चारदीवारी टूट चुकी है, और छतें पाटौर पोश और टीन शेड से ढंकी हुई हैं, जहां छात्र-छात्राएं जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. बारिश के दौरान तो स्कूल की दीवारों में करंट दौड़ने लगता है, जिससे बच्चों की जान को हर पल खतरा बना रहता है. यही वजह है कि पिछले चार दिनों से स्कूल को बार-बार बंद करना पड़ रहा है, जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है.

झालावाड़ की घटना से बढ़ी चिंता

हाल ही में झालावाड़ में स्कूल की छत गिरने जैसी घटनाओं ने जर्जर स्कूली इमारतों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. ऐसे में करौली के इस स्कूल की स्थिति, जहां दीवारों में करंट दौड़ रहा है और पूरी इमारत ढहने की कगार पर है, प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई थी.

एसडीएम ने दिया सुरक्षित शिफ्टिंग का आश्वासन

स्थानीय लोगों की लगातार मांग और मीडिया रिपोर्ट के दबाव के बाद एसडीएम प्रेमराज मीणा ने मामले का संज्ञान लिया. मौके पर पहुंचने के बाद उन्होंने देखा कि "स्कूल की सभी दीवारों में करंट है, दीवारें क्षतिग्रस्त हैं और बारिश में पूरी व्यवस्था चरमरा जाती है." उन्होंने तुरंत इस स्थिति की गंभीरता को समझा और भरोसा दिलाया कि जल्द ही इस स्कूल को दूसरी सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया जाएगा.

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 गौरतलब है कि स्कूल जिस वजीरपुर दरवाजे के ऊपर स्थित है, वह खुद भी जर्जर स्थिति में है और कभी भी गिर सकता है. ऐसे में उसके ऊपर स्कूल में बच्चों का पढ़ना एक बड़े खतरे से कम नहीं है. प्रशासन की इस सक्रियता से अब उम्मीद बंधी है कि बच्चों को जल्द ही एक सुरक्षित माहौल में पढ़ाई करने का अवसर मिलेगा.

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