Khatu Shyam Mandir: 19 घंटे के लंबे इंतजार के बाद शनिवार (26 जुलाई) को शाम 5 बजे खाटूश्याम मंदिर के पट खुल गए. मंदिर के पट खुलते ही बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य बाबा श्याम के भव्य स्वरूप के दर्शन किए. भक्तों में मान्यता है कि बाबा श्याम के माह में दो स्वरूपों में दर्शन होते हैं. एक में कृष्ण स्वरूप श्याम रंग में और शृंगार के बाद भव्य विष्णु स्वरूप में दर्शन देते हैं. अगर इस दौरान भक्त शीश नवाकर अपनी मनौतियां मांगते हैं तो बाबा श्याम भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं.
शुक्रवार को बंद हुई थी मंदिर
श्री श्याम मंदिर कमेटी के अध्यक्ष पृथ्वी सिंह चौहान ने बताया कि शुक्रवार देर रात 10:00 बजे मंदिर बंद होने के बाद पहले पूरे मंदिर की पवित्र जल से धुलाई की गई और साफ सफाई की गई. साथ ही निज मंदिर परिसर की भी विशेष पवित्र जल से साफ सफाई कर धुलाई की गई. उसके बाद शनिवार सुबह 8:00 बजे से बाबा श्याम के विशेष तिलक शृंगार की शुरुआत हुई, जो 4:00 बजे जाकर पूरी हुई.
विशेष चंदन के लेप से होता शृंगार
बता दें कि एक विशेष चंदन के लेप से बाबा का शृंगार किया जाता है. उसको सूखने में दो से तीन घंटे लगते हैं. उसके बाद जो तिलक किया जाता है. उसमें भी लगभग 2 घंटे लगते हैं, फिर बाबा का देश-विदेश से आए फूलों से शृंगार किया जाता है और नए वस्त्र पहनाए जाते हैं. इस प्रकार इस पूरी श्रृंगार की प्रक्रिया में 6 से 7 घंटे लगते हैं. तब जाकर के बाबा का शृंगार पूरा होता है.
हर अमावस्या पर बाबा का शाही स्नान होता है और उसके दो या तीन दिन बाद सप्तमी तक बाबा का शृंगार किया जाता है. हालांकि विशेष पर्व त्योहार पर भी बाबा का शाही स्नान और तिलक शृंगार किया जाता है. जैसे जन्माष्टमी, रामनवमी और बाबा श्याम के जन्मोत्सव देव उठानी एकादशी जैसे बड़े पर्वों पर भी बाबा का विशेष तिलक शृंगार किया जाता है.