नकली किन्नरों से परेशान है किन्नर समाज ने जारी किया पहचान पत्र, बोले, 'भीख मांगने वाले नहीं होते हैं असली किन्नर' 

डीडवाना जिले के कुचामन में किन्नर समाज की गुरूवार को एक बैठक आयोजित हुई, जिसमें किन्नरों के विकास और उन्हें मुख्य धारा में लाने के लिए विस्तार से चर्चा की गई. साथ ही, नकली किन्नर बनकर घूमने वालों की पहचान के लिए आमजन के नाम एक संदेश जारी किया

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डीडवाना:

समाज में पुरुषों और महिलाओं के बाद एक ऐसा वर्ग भी है, जिसे हम थर्ड जेंडर यानी किन्नर के नाम से जानते हैं. इस वर्ग की भी एक अलग दुनिया और रस्मों-रिवाज है. ज्यादातर किन्नर समाज का ही अंग होते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से उन्हें समाज की मुख्य धारा से दूर रखा जाता है, लेकिन आज कल नकली किन्नरों की शिकायतें भी सामने आने लगी हैं, जिससे किन्नर समाज काफी आहत है.

कैसे करें असली किन्नरों की पहचान?

डीडवाना जिले के कुचामन में किन्नर समाज की गुरूवार को एक बैठक आयोजित हुई, जिसमें किन्नरों के विकास और उन्हें मुख्य धारा में लाने के लिए विस्तार से चर्चा की गई. साथ ही, नकली किन्नर बनकर घूमने वालों की पहचान के लिए आमजन के नाम एक संदेश जारी किया है. किन्नरों ने बताया कि आमजन असली और नकली किन्नरों में पहचान कैसे कर सकते हैं.

किन्नर समाज ने आमजन के नाम जारी किया संदेश

कुचामन सिटी में आयोजित हुए किन्नरों के इस कार्यक्रम में आसपास के क्षेत्र के किन्नर शामिल हुए और बैठक के बाद आमजन के नाम ये संदेश जारी किया. किन्नर राजकुमारी बाई के अनुसार किन्नर, सम्मान के साथ बधाई और इनाम लेते हैं, मगर भिक्षावर्ती का कोई काम नहीं करते, जो किन्नर भिक्षा मांगते हैं, या जनता को परेशान करते हैं, वे असली किन्नर नहीं है. 

नकली किन्नरों को किया पुलिस के हवाले

वहीं, समाजिक सुधार के मकसद से एनजीओ चलाने वाले मोहन सिंह जाखड़ ने भी अपनी संस्था के जरिए नकली किन्नरों की पहचान के लिए भौतिक सत्यापन किए जाने की जानकारी दी और बताया कि उनके प्रयासों से नकली किन्नर पकड़ में आ रहे हैं. इसके लिए बाकायदा किन्नरों का सत्यापन किया गया और नकली किन्नरों को पुलिस के हवाले भी किया गया है.

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