Rajasthan: किरोड़ी लाल मीणा ने बताई इस्तीफे की असली वजह, बोले-मंत्री था तो शिखंडी बन गया, मेरे पास कोई पावर नहीं थी

Rajasthan: भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा शनिवार (7 सितंबर) को   सवाई माधोपुर के बजरिया में आयोजित राम कथा में पहुंचे. उन्होंने इस्तीफे की मेन वजह बताई. 

Advertisement
Read Time: 3 mins

Rajasthan: भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा ने अपने इस्तीफे पर कहा, "अब तो मंत्री भी नही हूं, मैंने इस्तीफा दे दिया, मैंने कई बार मुख्यमंत्री को भी कह दिया कि मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लो. उन्होंने कहा क्यों? तो मैने कहा मैने 45 साल तक सवाई माधोपुर, टोंक, दौसा, अलवर, करौली, भरतपुर और धौलपुर क्षेत्र की जनता की हर दुख-दर्द में सेवा की है. मैं मोदी जी को बुलाया था, मोदी जी ने कहा था कि मैं सभा करूंगा. मैने कहा ना आप दौसा में घर-घर चलो में पूर्वी राजस्थान की सातों सीट जिताऊंगा. लेकिन, जहां से मैं  MLA हूं, वो सीट हार गया. मैं जिला दौसा की सीट हार गया, तो मैंने घोषणा की थी कि चुनावों में सीट हार गया तो मैं मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दूंगा,  इसके कारण मैंने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया."  

"मैं नैतिकता की राजनीति करता हूं"

उन्होंने कहा, "मैं सच्चे मन से जनता की सेवा में लगा हूं. मैं नैतिकता की राजनीति करता हूं, इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया. अभी महाराज ने कहा था कि मंत्री नहीं रहोगे तो ज्यादा बल रहेगा. लेकिन, मंत्री बनाने पर तो में शिखंडी बन गया, जो करने की शक्ति थी वो भी गायब हो गई. हठीले हमीर, जिसने अपने वचन निभाने के लिए प्राण न्योछावर कर दिया, दुश्मन के सामने सिर नहीं झुकाया." 

Advertisement

"मैं किसी के सामने सिर झुकाने वाला नहीं हूं"

किरोड़ी लाल मीणा ने कहा, "मैं भी वचन दे चुका हूं, जो मैंने विधानसभा चुनावों में दिया था. मैं किसी के सामने सिर झुकाने वाला नहीं हूं, सिर झुकेगा तो जनता जनार्दन के सामने झुकेगा. मुझे पद से मोह क्यों नही है, हर चीज का समय होता है. भगवान राम की सिंघासन पर बैठने की सभी तैयारियां हो गई थीं. लेकिन, उन्हें पिता के आदेश से वनवास जाना पड़ा. जब भगवान राम को ही सिंघासन छोड़ना पड़ा, तो डॉक्टर किरोड़ी लाल तो छोटी से चीज है. सिंघासन का कोई महत्व नहीं है." 

Advertisement

"मैं लड़ता रहूंगा और जनता का काम करता रहूंगा"

उन्होंने कहा, "मैं लड़ता रहूंगा और जनता का काम करता रहूंगा. मैं अकेला ही हजार के बराबर हूं. हार-जीत चलती रहती है. विफलता में सफलता छुपी रहती है. विफलता भी कभी ऐसे परिणाम देती है, इस दौरान उन्होंने विनेश फोगाट का उदहारण देते हुए कहा कि वो 100 ग्राम वजन के चक्कर में गोल्ड मेंडल नहीं जीत सकीं. लेकिन, देश का इतिहास विश्व पटल पर रच कर रख दिया, ऐसा व्यक्ति बनने की आवश्यकता है."

Advertisement

"सभी मछली और मगरमच्छों को जेल में डालो"

उन्होंने कहा,  "डॉ. किरोडी ने कहा कि मैंने  26 लाख मास्टरों की और 30 हजार थानेदारों की परीक्षा कैंसल कराई. तब मैं सरकार में नहीं था. लेकिन, अब मुझे बहुत पसीने बहाने पड़ रहे हैं. इन सभी मछली और मगरमच्छों को जेल में डालो, जिन्होंने किसानों और जवानों के बच्चो का भविष्य खराब करने का काम किया है." 

यह भी पढ़ें: "राजस्थान में 6-7 नए जिले होंगे खत्म", बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ का बड़ा बयान