बीजेपी किसान मोर्चा के नेता का बयान, 'प्रदर्शन करने वाले वास्तविकता में किसान नहीं होते'

किसानों के प्रदर्शन पर बीजेपी के किसान मोर्चा ने नेता रामनेश तिवारी ने कहा है कि जो धरना-प्रदर्शन करते हैं वह वास्तविकता में किसान नहीं है.

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किसान फिर कर रहे हैं प्रदर्शन

Kisan Protest 2.0: किसान एक बार फिर केंद्र सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं. 13 फरवरी को किसान संगठनों ने अपनी मांगों को दिल्ली कूच करने का आह्वान किया है. बताया जा रहा है कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, केरल और कर्नाटक से किसान दिल्ली पहुंच रहे. वहीं, अब किसानों को रोकने के लिए दिल्ली में सुरक्ष बढ़ाई जा रही है और बॉर्डर को सील किया जा रहा है. वहीं, बीजेपी के किसान मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव रामनरेश तिवारी ने कहा है कि जो धरना-प्रदर्शन करते हैं वह वास्तविकता में किसान नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि वह किसान राष्ट्र के प्रति चिंतन और विचार नहीं करते हैं.

प्रदर्शन करने वाले किसान अपनी व्यक्तिगत आकांक्षा के लिए काम करते हैं

किसानों के दिल्ली कूच के आह्वान की ओर इशारा करते हुए जयपुर में रामनरेश तिवारी ने कहा, 'जो धरना प्रदर्शन करते हैं वो वास्तविकता में किसान नहीं होते. वो राष्ट्र के प्रति चिंतन और विचार नहीं करते है उनके मन के अंदर व्यक्तिगत आकांक्षाएं पूरी नहीं होती है उसके लिये कार्य करते है.'

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तिवारी ने रविवार को भाजपा मुख्यालय पर संवाददाताओं से कहा, 'प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार कभी लुभाने का काम नहीं करती है. हम कभी झूठे वादे नहीं करते है. हमने जो कहा उसे करके दिखाया.'' उन्होंने बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा कल उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर स्थित शुक्रताल से दोपहर साढ़े 12 बजे किसान मोर्चा के अभियान  'ग्राम परिक्रमा यात्रा' का शुभारंभ करेंगे.

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मोदी सरकार शुरू करेगी ग्राम परिक्रमा यात्रा

इस अभियान का जिम्मा भाजपा किसान मोर्चा को सौंपा गया है. इसी कड़ी में भाजपा किसान मोर्चा राजस्थान में भी 12 फरवरी से 'ग्राम परिक्रमा यात्रा' की शुरुआत करेगा. इस राष्ट्रव्यापी अभियान को सफल बनाने के लिए मोर्चा ने प्रदेश और जिला स्तर पर समितियां गठित कर दी हैं. तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार के विकास कार्यों की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी देशभर में 'ग्राम परिक्रमा यात्रा' निकाल रही है.

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आपको बता दें, किसान संगठन MSP के लिए पहले भी लड़ाई लड़ चुके हैं. 2 साल पहले जो सरकार ने वादा किया था उसे पूरा नहीं किया है. वहीं, अब एक बार फिर किसान संगठन एमएसपी की गारंटी के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों को लागू करने, किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए मासिक पेंशन देने के साथ ही कर्ज माफी का फॉर्म भरवाने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने समेत कुछ अन्य मांगों को लेकर किसान आंदोलित हैं. 

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