Rajasthan News: कोटा ग्रामीण के इटावा उपखंड के बंजारी गांव में शुक्रवार की रात उस वक्त जबरदस्त दहशत फैल गई, जब एक ग्रामीण के घर में 8 से 10 फीट लंबा एक विशालकाय मगरमच्छ आ बैठा. मगरमच्छ को देखकर घरवाले और आसपास के लोग सन्न रह गए, जिससे अफरा-तफरी का माहौल भी बन गया. आनन फानन में ग्रामीणों ने इसकी जानकारी प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों को दी. हालांकि ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि काफी समय बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा.
हीरो बनकर पहुंचे वन्य जीव प्रेमी
जब प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिली, तो ग्रामीणों ने इटावा के प्रसिद्ध वन्य जीव प्रेमी हयात खान 'टाइगर' से संपर्क किया. हयात खान अपने साथियों के साथ तुरंत बंजारी गांव पहुंचे. रात के अंधेरे और मगरमच्छ के विशाल आकार के बीच रेस्क्यू ऑपरेशन आसान नहीं था. हयात खान और उनकी टीम ने अपनी विशेषज्ञता और साहस का परिचय देते हुए करीब 1 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मगरमच्छ को सफलतापूर्वक काबू में किया. मगरमच्छ को सुरक्षित काबू करने के बाद, वन्य जीव प्रेमी हयात खान और उनके साथियों ने उसे अपने कंधे पर उठाकर गांव से बाहर निकाला और सुरक्षित रूप से चम्बल नदी के किनारे छोड़ा.
बंजारी गांव पर मंडराता खतरा
यह पहली बार नहीं है जब बंजारी गांव में मगरमच्छ दिखाई दिया है. कुछ महीने पहले भी इसी गांव के एक खेत में एक विशालकाय मगरमच्छ को देखा गया था, जिसका रेस्क्यू भी हयात खान ने ही किया था. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में स्कूल के पास एक 'तलाई' (छोटा तालाब) है, जिसमें कुछ मगरमच्छों के होने की जानकारी है. इस वजह से ग्रामीण और स्कूल जाने वाले बच्चे लगातार दहशत के साए में जी रहे हैं. इस तलाई के आस-पास सुरक्षा और निगरानी की सख्त जरूरत है ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और किसी बड़े हादसे से बचा जा सके.
चंबल के किनारे बसा है गांव
चम्बल नदी के पास बसे होने के कारण, मगरमच्छ और अन्य वन्यजीवों का अक्सर आबादी वाले इलाकों में आना-जाना लगा रहता है, लेकिन प्रशासन को इस समस्या की गंभीरता को समझते हुए, जल्द से जल्द कोई ठोस और स्थायी समाधान निकालना होगा. वन्य जीवों को सुरक्षित रखने के साथ-साथ, इंसानी बस्तियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है.
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