Kota News: राजस्थान के कोटा जिले में एक गर्भवती महिला द्वारा सड़क पर बच्चे को जन्म देने का मामला सामने आया है. जिसके बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया. मामला जिले के दक्षिण नगर निगम के वार्ड नंबर 9, रानपुर क्षेत्र का है. जहां चिकित्सा सुविधाओं के अभाव और समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण एक गर्भवती महिला को सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा.
अस्पताल जाने के लिए नहीं था कोई दूसरा साधन
दरअसल पूरी घटना रविवार सुबह करीब 9 बजे की है जब कालीबाई भील को प्रसव पीड़ा शुरू हुई. ग्रामीणों ने 108 एंबुलेंस को सूचना दी. लेकिन देरी के कारण एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची. कालीबाई और उसके पति सोनू भील के पास अस्पताल जाने के लिए कोई दूसरा साधन नहीं था. बड़ी मुश्किल से उसका पति उसे चौराहे तक लेकर आया. जहां ग्रामीणों ने दोबारा 108 को फोन किया, लेकिन एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची.
खाट और चादर लगाकर प्रसव कराया
कालीबाई की प्रसव पीड़ा लगातार बढ़ती जा रही थी, जिसे देखकर उसके साथ मौजूद स्थानीय महिलाओं ने खाट लगाकर और चादर ओढ़ाकर प्रसव काराया. उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. ग्रामीणों का कहना है कि कोटा से करीब एक घंटे की देरी से एंबुलेंस पहुंची, जिसके बाद जच्चा-बच्चा को मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया. फिलहाल दोनों स्वस्थ हैं.
रानपुर में नहीं है कोई स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध
मामले को लेकर स्थानीय निवासी शुभम जैन ने बताया कि पहले रानपुर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) था, लेकिन क्षेत्र के नगर निगम में शामिल होने के बाद इसे बंद कर पुनिया देवरी गांव में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां कोई आबादी क्षेत्र नहीं है, जबकि रानपुर की आबादी करीब 6 हजार है और 20 अन्य गांव भी जुड़े हुए हैं, लेकिन यहां कोई स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध नहीं है. इस संबंध में ग्रामीणों ने कई बार जनप्रतिनिधियों को इस समस्या से अवगत कराया है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ है. इस घटना के बाद क्षेत्रवासियों ने मांग की है कि गांव में स्थाई 108 एंबुलेंस तैनात की जाए और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को फिर से शुरू किया जाए, ताकि आगे ऐसी घटना न हो.