Rajasthan News: राजस्थान में कोचिंग स्टूडेंट्स के लगातार बढ़ते सुसाइड मामले (Coaching Student Suicide Case) रोकने के लिए कोटा पुलिस (Kota Police) ने मेटा (META) कंपनी के साथ एक समझौता किया है. इसके मुताबिक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक (Facebook) और इंस्टाग्राम (Instagram) पर आत्महत्या जैसे कोई भी संकेत देने वाले स्टूडेंट्स की पहचान की जाएगी, ताकि समय रहते उसकी मदद की जा सके और एक और सुसाइड होने से रोका जा सके.
झुंझुनूं के स्टूडेंट को सुसाइड करने से रोका
कोटा पुलिस का दावा है कि एक सप्ताह पहले हुए इस समझौते की मदद से उन्होंने झुंझुनू के एक छात्र को कोचिंग हब में आत्महत्या करने से रोक दिया है. इस समझौते के तहत मेटा की एक टीम 24 घंटे शहर के अभय कमांड सेंटर से सुसाइडल टेंडेंसी वाले स्टूडेंट्स की पहचान करके रेड-फ्लैग करने का काम कर रही है. जैसे ही कोई स्टूडेंटस उनके रडार पर आता है, तो वे तुरंत संबंधित क्षेत्र की पुलिस को अलर्ट कर देती है. इसके बाद पुलिस टीम बिना वक्त जाया किए मौके पर पहुंचती है और उक्त स्टूडेंट को कोई भी गलत कदम उठाने से पहले ही रोक देती है.
आत्मघाती विचार पोस्ट करने वालों पर नजर
कोटा शहर की एसपी अमृता दुहन ने इस समझौते के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए कहा, 'कोटा में लगातार स्टूडेंट सुसाइड के मामले बढ़ रहे हैं, जो बेहद चिंताजनक हैं. इस साल कुल 9 छात्र अपनी जान दे चुके हैं. इन केस की जांच के दौरान कुछ में हमने पाया था कि छात्रों ने सोशल मीडिया पर अपनी परेशानी और आत्मघाती विचार व्यक्त किए थे. अगर समय पर कोई उसे समझ पाता तो शायद उन्हें बचाया जा सकता था. इसीलिए हमने मेटा कंपनी के साथ करार किया है, ताकि ऐसे स्टूडेंट्स की मदद के पुलिस समय पर उनके पास पहुंच सके, और उनकी जान बच सके.'
सिर्फ कोटा नहीं, पूरे राजस्थान में हुआ लागू
एसपी दुहन ने बताया, 'हम यह समझौता सिर्फ कोटा शहर के लिए करना चाहते थे. लेकिन मेटा की तरफ से कहा गया कि वह विशेष रूप से सिर्फ एक शहर पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सकते, बल्कि वे पूरे राजस्थान से ऐसी जानकारी प्रदान करेंगे. इसके बाद हमने जयपुर में डीजीपी पुलिस मुख्यालय से इस बारे में बात की, और वहां से अप्रूवल के बाद पूरे राज्य के लिए यह जिम्मेदारी लेने का फैसला किया गया. अगर कोटा का कोई छात्र आत्महत्या या खुद को नुकसान पहुंचाने से संबंधित सामग्री पोस्ट करता है, तो मेटा के सिस्टम पर रेड-फ्लैग टैग फ्लैश हो जाएगा. इसके बाद उनके खाते की जानकारी कोटा पुलिस के साथ साझा की जाएगी.'
जयपुर PHQ तक विस्तारित की योजना
एसपी ने आगे कहा, 'यदि छात्र कोटा के बाहर से है, तो ये विवरण समय पर कार्रवाई के लिए अभय कमांड सेंटर या संबंधित जिले के नियंत्रण कक्ष को भेज दिया जाएगा. इस सहयोगात्मक पहल के शुरू होने के बाद से शहर में ऐसे किसी भी रेड-फ्लैग टैग की सूचना नहीं मिली है, लेकिन पुलिस ने झुंझुनू जिले के रहने वाले एक छात्र द्वारा संभावित आत्महत्या को रोक दिया है. फिलहाल यह पहल शहर में सक्रिय है, लेकिन इसे जयपुर में पुलिस मुख्यालय तक विस्तारित करने की योजना पर काम चल रहा है.'
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