कोटा में एमबीबीएस छात्रा की मौत, दो दिन पहले की थी सुसाइड की कोशिश

झालावाड़ जिले की रहने वाली मृतका ने दो दिन पहले अपने घर पर छत के पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया था. आत्महत्या का प्रयास करने वाली एमबीबीएस तृतीय वर्ष की छात्रा को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

कोटा जिले में छात्रों के सुसाइड का मामला थमता नहीं नजर आ रहा है. सरकार के लाख दावों और कोशिशों के बावजूद बुधवार को एक और मेडिकल छात्रा की मौत हो गई. मृतका ने दो दिन पहले घर पर सुसाइड की कोशिश की थी, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां दो दिन चले इलाज के बाद बुधवार को छात्रा ने दम तोड़ दिया.

रिपोर्ट के मुताबिक झालावाड़ जिले की रहने वाली मृतका ने दो दिन पहले अपने घर पर छत के पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया था. आत्महत्या का प्रयास करने वाली एमबीबीएस तृतीय वर्ष की छात्रा को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी.

झालावाड़ शहर के हल्दीघाटी रोड इलाके में रहने वाली 24 वर्षीय छात्रा ने रविवार को आत्महत्या करने का प्रयास किया था और मंगलवार को उसकी मौत हो गई. उसके कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ. मृतका की पहचान निवेदिता के रूप में हुई है, जो कोलकाता के वर्धमान मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रम की तृतीय वर्ष की छात्रा थी.

झालावाड़ नगर थाने की प्रभारी (एसएचओ) भूरी सिंह ने कहा कि निवेदिता इस महीने की शुरुआत में नवरात्र के लिए झालावाड़ स्थित अपने घर आई थी और उसने रविवार को कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया. एसएचओ ने कहा कि इसके बाद उसे झालावाड़ मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया.

पुलिस ने बताया कि निवेदिता को गंभीर हालत में ‘वेंटिलेटर' पर रखा गया था और मंगलवार दोपहर को उसकी मौत हो गई. थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस ने जांच के लिए सीआरपीसी की धारा 174 (अप्राकृतिक मौत की जांच) के तहत मामला दर्ज किया और शव को पोस्टमार्टम के बाद परिवार के सदस्यों को सौंप दिया.

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गौरतलब है कोटा में पिछले 10 महीने में कोटा में अब तक 26 छात्रों की मौत हो चुकी है. छात्रों में बढ़ते सुसाइड की घटनाओं को कम करने के लिए राजस्थान की गहलोत सरकार लगातार प्रयास कर रही है, इसके लिए प्रदेश सरकार ने एक कमेटी का  भी गठन किया है, लेकिन छात्रों में सुसाइड के प्रवृत्ति में कमी नहीं आई हैं. 

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