कोटा सुसाइडः कोचिंग में टेस्ट पर लगी रोक हटी; 60 दिन के लिए लगी थी पाबंदी, 36 दिन बाद ही हटाई

Kota Suicide: कोटा में स्टूडेंट के सुसाइड के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन ने बीते दिनों कोचिंग सेंटरों में होने वाले टेस्ट पर रोक लगा दी थी. यह रोक 60 दिनों के लिए लगाई गई थी. लेकिन इस रोक को 36 दिनों बाद ही हटा दिया गया है. मंगलवार को कोचिंग सेंटरों के टेस्ट पर लगी हटाए जाने का आदेश डीएम ने जारी कर दिया है.

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कोचिंग सेंटर की प्रतीकात्मक तस्वीर.

Kota Suicide: कोटा में कोचिंग संस्थानों में टेस्ट पर लगी रोक हटा दी गई है. बीते दिनों कोटा से लगातार आ रहे सुसाइड के मामलों को देखते हुए यह रोक 2 महीने के लिए लगाई  गई थी. लेकन अब इसे मात्र 36 दिन के बाद ही हटा दी गई है. मंगलवार को कोटा के कलेक्टर ओपी बुनकर ने गाइडलाइन के साथ टेस्ट शुरू करने के लिए निर्देश दिए. कलेक्टर ओपी बुनकर ने एक आदेश जारी कर कोचिंग संस्थानों में पुनः टेस्ट शुरू करने के कोचिंग संस्थानों को निर्देश दिए हैं. टेस्ट पर लगाई गई रोक के बाद से लगातार मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. कोचिंग स्टूडेंटस की ओर से टेस्ट शुरू करने की मांग की जा रही थी.

28 अगस्त को कोचिंग में टेस्ट पर लगी थी रोक
जिला कलेक्टर ने टेस्ट शुरू करने के लिखित आदेश जारी कर कोचिंग संस्थानों को गाइडलाइन की पालन करने के निर्देश दिए हैं. 28 अगस्त को 2 महीने के लिए कोचिंग संस्थानों में टेस्ट पर रोक लगाई गई थी. लेकिन स्टूडेंट्स की मांग पर अब गाइडलाइन के साथ 36 दिन बाद ही टेस्ट पर लगी रोक को हटा दिया गया है.

इस गाइडलाइन को फॉलो करते हुए लेने होंगे टेस्ट

1. कोचिंग संस्थानों में चलने वाली कक्षाऐं यदि निरंतर चल रही है तो टेस्ट/परीक्षा 21 दिनों की अवधि मे लिया जाए. यदि कोर्स पूरा हो चुका है तो टेस्ट/परीक्षा 7 दिन में आयोजित किए जाए.

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2. टेस्ट/परीक्षा के अगले दिन आवश्यक रूप से अवकाश रखा जाना सुनिश्चित करें. 

3. कोचिंग संस्थानों द्वारा आयोजित टेस्ट/परीक्षा मे विद्यार्थियों की उपस्थिति ऐच्छिक हो, अनिवार्य नहीं.

4. टेस्ट / परीक्षा होने के बाद उचित विश्लेषण सत्र की व्यवस्था की जानी सुनिश्चित करें तथा जो विद्यार्थी औसत मानदण्ड से नीचे प्रदर्शन कर रहे है तो ऐसे विद्यार्थियों के लिए विशेष परामर्श सत्र आयोजित किया जाना सुनिश्चित करें.

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5. टेस्ट / परीक्षा के परिणाम 03 दिवस बाद जारी किये जायें.

6. टेस्ट / परीक्षा के परिणामों को सार्वजनिक नहीं किया जावें तथा टेस्ट / परीक्षा का परिणाम प्रत्येक विद्यार्थी / अभिभावकों को अलग से भिजवाया जायें तथा सुनिश्चित किया जावें कि परिणामों में रैंक प्रणाली को भी बंद किया जायें.

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इस साल 27 कोचिंग स्टूडेंट्स ने किया है सुसाइड

मालूम हो कि इस साल कोटा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आने वाले कोचिंग स्टूडेंट के 27 सुसाइड मामले सामने आने के बाद राज्य सरकार द्वारा गठित की गई कमेटी की ओर से कुछ दिन पहले गाइडलाइन भी जारी की गई है.

वहीं स्टूडेंटस की ओर से कमेटी द्वारा कोचिंग संस्थानों में लिए जाने वाले टेस्ट की 2 महीने की रोक लगाने के बाद लगातार परफॉर्मेंस को लेकर मांग की जा रही थी. उसी के अनुरुप कलेक्टर ने गाइडलाइन के अनुसार एक बार फिर टेस्ट शुरू करने के निर्देश जारी किए हैं.

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