Kota Wildlife Conservation News: राजस्थान के कोटा में वन्यजीव संरक्षण (Wildlife Conservation) को लेकर अनूठी पहल की गई है. लोगों को इससे जोड़ने के लिए राजस्थान सरकार ने वन्य जीव विभाग के जरिए एक स्कीम 'कैपटिव एनिमल स्पॉन्सरशिप'शुरु की है. इसके तहत प्रदेश में पहली बार वन्यजीवों को गोद लिया जा सकेगा. और इसकी शुरुआत कोटा के अभेडा बायोलॉजिकल पार्क (Abeda Biological park) से हुई. इस योजना के तहत, एनटीपीसी अंता (NTPC Anta) ने वन्यजीव संरक्षण में अपने CSR के नियमों का पालन करते हुए अभेडा पार्क के कुल बारह वन्यजीवों को गोद लिया है.
बाघिन और तेंदुओं सहित 12 वन्यजीव गोद लिए
एनटीपीसी अंता की इस सहयोग के तहत वन विभाग को 17 लाख का चेक सौंपा. इस राशि का उपयोग कर पार्क में गोद लिए गए वन्यजीवों (जिनमें बाघिन, तेंदुआ, लकड़बग्घा, सांभर और काला हिरण जैसे जीव शामिल हैं) के खाना, इलाज और उनकी बेहतर देखरेख पर किया जाएगा.
एनटीपीसी अंता ने लिया 12 वन्यजीवों को गोद
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वन्य जीवों को मिलेगा संरक्षण
इस पहल को लेकर वन्य जीव विभाग के अधिकारियों ने इसे एक सराहनीय पहल बताया है. एनटीपीसी के निदेशक रविन्द्र कुमार और डीएफओ अनुराग भटनागर का कहना है कि आने वाले समय में इस स्कीम के जरिए आमजन में और जागरूकता आएगी, जिससे वन्य जीवों के संरक्षण की तरफ लोगों में जज्बा बढ़ेगा. वन्यजीवों के लिए वित्तीय सहायता मिलेगी.
पर्यटकों में उत्साह का माहौल
कोटा का अभेडा बायोलॉजिकल पार्क, वन्यजीवों को खुले वातावरण में देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है. पर्यटक यहां टाइगर और अन्य वन्यजीवों को अठखेलियां करते हुए देखते हैं. कैपटिव एनिमल स्पॉन्सरशिप स्कीम को लेकर पार्क में आए पर्यटकों में भी भारी उत्साह देखा जा रहा है, जो इसे वन्यजीवों के प्रति प्रेम व्यक्त करने का एक बेहतरीन तरीका बता रहे हैं.
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