कोटपूतली-बहरोड़ में प्रशासन ने सैकड़ों बीघा चारागाह भूमि से हटाया अतिक्रमण, 11 बीघा जमीन से खड़ी गेहूं की फसल को किया साफ

राजस्थान में कोटपूतली-बहरोड़ जिले के नीमराना क्षेत्र के कायसा गांव में प्रशासन ने चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए बड़ी कार्रवाई की. इस दौरान लगभग 11 बीघा भूमि पर खड़ी फसल नष्ट की गई. पुलिस बल की मौजूदगी में यह कार्रवाई शांतिपूर्ण ढंग से पूरी हुई. 

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जमीन से अतिक्रमण हटाते हुए प्रशासन.

Rajasthan News: राजस्थान में कोटपूतली-बहरोड़ के नीमराना प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए गांव कायसा में सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया. इस दौरान अतिक्रमणकारियों द्वारा कब्जाई गई सैकड़ों बीघा भूमि में से करीब 11 बीघा भूमि से खड़ी गेहूं की फसल को ट्रैक्टरों से नष्ट किया गया. प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया, जिससे कार्रवाई बिना किसी रुकावट के पूरी हो सकी.

चारागाह भूमि पर था अतिक्रमण

यह कार्रवाई नीमराना थाना क्षेत्र के कायसा गांव में की गई. जहां चारागाह भूमि पर अवैध रूप से खेती की जा रही थी. लगातार मिल रही शिकायतों के बाद प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए सैकड़ों बीघा सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने का अभियान शुरू किया. अधिकारियों के आदेश पर मौके पर ट्रैक्टर मंगवाकर लगभग 11 बीघा भूमि से खड़ी फसल को नष्ट कर दिया गया.

कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल तैनात

अतिक्रमण हटाने के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए पुलिस और प्रशासनिक अमला पूरी सतर्कता से तैनात रहा. नीमराना तहसीलदार और थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस बल ने सुरक्षा व्यवस्था को संभाला. कार्रवाई के दौरान ग्रामीणों की भारी भीड़ जुट गई, हालांकि प्रशासन और पुलिस के कड़े रुख को देखते हुए लोग शांत बने रहे.

हत्या से जुड़ा हो सकता है भूमि विवाद

सूत्रों के अनुसार, इस अतिक्रमण को लेकर कुछ दिन पहले गांव के एक व्यक्ति देशराज की हत्या हुई थी. इस घटना के बाद प्रशासन हरकत में आया और विवादित जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने की योजना बनाई. हालांकि, पुलिस इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है.

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11 बीघा जमीन से हटाई खड़ी फसल

नीमराना डीएसपी सचिन शर्मा ने बताया कि "गांव कायसा में कुछ अतिक्रमणकारियों ने चारागाह भूमि पर कब्जा कर रखा था. आज प्रशासन और पुलिस ने ट्रैक्टरों की मदद से लगभग 11 बीघा जमीन से गेहूं की फसल हटाकर भूमि को मुक्त कर दिया है. आगे की कार्रवाई प्रशासन द्वारा की जाएगी."

स्थानीय लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया

इस कार्रवाई के बाद अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मच गया. जबकि स्थानीय लोग इस फैसले को लेकर अलग-अलग राय रख रहे हैं. कुछ ग्रामीण इसे प्रशासन का सही कदम बता रहे हैं, तो कुछ लोगों का कहना है कि इससे गरीब किसानों को नुकसान हुआ है.

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