Rajasthan News: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने की त्रासदी में लापता हुए राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ जिले के भौनावास गांव के अग्निवीर भीम सिंह का शव 70 दिन बाद बरामद हुआ. 19 वर्षीय भीम सिंह 14 राजपूताना राइफल्स में सेवा दे रहे थे. डीएनए टेस्ट के जरिए उनकी पहचान पक्की हुई. शव के गांव पहुंचते ही माहौल गम और गर्व से भर गया.
तिरंगा यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
भीम सिंह को अंतिम विदाई देने के लिए प्रागपुरा पुलिस थाने से भौनावास तक विशाल तिरंगा यात्रा निकली. हजारों ग्रामीण सैनिक और युवा इसमें शामिल हुए. “भारत माता की जय” और “वीर शहीद अमर रहे” के नारे गूंजे. यात्रा में जयपुर ग्रामीण सांसद राव राजेंद्र सिंह उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ जिला कलेक्टर और एसपी समेत कई बड़े अधिकारी मौजूद रहे. सेना ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया और तिरंगा परिजनों को सौंपा.
सांसद की हालत बिगड़ी, मचा हड़कंप
अंतिम संस्कार के दौरान पुष्प चक्र अर्पित करते समय सांसद राव राजेंद्र सिंह अचानक बेहोश हो गए. मौके पर अफरा-तफरी मच गई. उन्हें तुरंत पावटा के उप जिला अस्पताल ले जाया गया. डॉ. रवि बंसल की देखरेख में इलाज के बाद उनकी हालत स्थिर हुई और वे शाहपुरा लौट गए. इस घटना ने सभी को चौंका दिया.
“युद्ध हताहत” श्रेणी में माना गया बलिदान
विंग कमांडर ऋषि देव यादव जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने बताया कि भीम सिंह का बलिदान “युद्ध हताहत” श्रेणी में दर्ज हुआ है. उनके परिवार को सरकार की ओर से सभी नियमित लाभ मिलेंगे. इस खबर ने पूरे क्षेत्र में देशभक्ति और शोक का माहौल पैदा किया. भीम सिंह की शहादत को गांववासी हमेशा याद रखेंगे.
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