Kotputli Holika Fire: शुभ मुहूर्त से पहले ही होलिका में लगी आग, फायर ब्रिगेड को पहुंचने में लग गए 40 मिनट

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 11.21 बजे से लेकर मध्य रात्रि 12.28 बजे तक रहने वाला है. लेकिन कोटपूतली के प्रागपुरा में होलिका दहन से पहले ही होलिका में आग लग गई.

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कोटपूतली में शुभ मुहूर्त से पहले ही होलिका में लगी आग.
NDTV Reporter

Rajasthan News: कोटपूतली के प्रागपुरा में होलिका दहन के शुभ मुहूर्त से पहले ही होलिका में आग लग गई. सूचना मिलते ही आसपास के ग्रामीणों ने अपने स्तर पर आग बुझाने का प्रयास किया. साथ ही आग लगने की सूचना पुलिस को दी गई. लेकिन फायर ब्रिगेड को पहुंचने में करीब 40 मिनट लग गए, जिसके बाद आग पर काबू पाया गया. इस हादसे में होलिका के आसपास लगने वाली अस्थाई खिलौने की दुकानें भी आग की चपेट में आ गईं, जिससे उसमें रखें हुए कुछ खिलौने आग की भेंट चढ़ गए.

कैसे हुआ हादसा?

पावटा के प्रागपुरा में होली चौक पर हर वर्ष की भांति होलिका दहन किया जाता है. सुबह महिलाएं होलिका की पूजा अर्चना करती हैं. रात को मुहूर्त अनुसार ग्रामीण एकत्रित होकर होलिका दहन करते हैं. आज भी होलिका दहन के लिए लकड़ियां एकत्रित कर के होली चौक पर तैयारी की जा रही थी. ग्रामीणों ने बताया कि लकड़ियों के साथ सूखी घास और जल्दी से सूखे पुली(बड़ी घास) भी रखी हुई थी, जो जल्दी ही आग पकड़ लेती हैं. फिलहाल अनुमान लगाया जा रहा है कि जब महिलाएं यहां पूजा के लिए पहुंची होंगी, तब अगरबत्ती या अन्य किसी ज्वलनशील वस्तु के चपेट में आने से आग भड़क गई होगी.

11 बजे के बाद शुरू मुहूर्त

ज्योतिषों के अनुसार, 13 मार्च को पूरे दिन भद्रा का साया रहने वाला है, इसीलिए होलिका दहन प्रदोष काल में ना होकर देर रात किया जाएगा. इसीलिए होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 11.21 बजे से लेकर मध्य रात्रि 12.28 बजे तक रहने वाला है. होली की पूर्व संध्या पर मनाए जाने वाले इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में देखा जाता है. होलिका दहन के बाद अगले दिन सुबह धुलेंडी मनाई जाती है. इस दिन लोग एक दूसरे पर रंग, अबीर-गुलाल इत्यादि फेंकते हैं, ढोल बजा कर होली के गीत गाए जाते हैं और घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है.

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