कुचामन दलित हत्या केसः चौथे दिन भी नहीं हो सका पोस्टमार्टम, जांच के लिए पहुंची BJP सांसदों की टीम

Kuchaman Dalit Murder Case: डीडवाना जिले के कुचामन में दो दलित युवकों की निर्मम हत्या के बाद माहौल गरम है. युवकों की हत्या के चार दिन बाद भी अब तक शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका है. पीड़ित परिवार के सदस्य अब भी धरने पर बैठे हैं. उन्हें मनाने की कोशिशें जारी है.

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कुचामन में दलित युवकों की हत्या मामले की जांच को पहुंची बीजेपी की टीम.

Kuchaman Dalit Murder Case: राजस्थान के डीडवाना जिले के कुचामन में दो दलित युवकों की बोलरो से कुचल कर की गई हत्या के मामले में अभी तक गतिरोध कायम है. इस घटना के विरोध में आज पूरे दिन कुचामन शहर बंद रहा. कुचामन थाने के बाहर मृतकों के परिजन और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग लगातार धरने पर बैठे हैं. युवकों की हत्या के चौथे दिन भी आज पोस्टमार्टम नहीं हो सका. सरकार की ओर से पीड़ित परिजनों से बात करने मंत्री गोविंद राम मेघवाल शुक्रवार को पहुंचे. उनके अलावा नागौड़ सांसद हनुमान बेनीवाल और मामले की जांच के लिए बनाई गई भाजपा सांसदों की कमेटी भी शुक्रवार को कुचामन पहुंची. लेकिन अभी तक इस मसले का निदान नहीं निकाला जा सका है. पीड़ित परिवार अब भी अपनी मांगों पर अड़े हैं.
 

पीड़ित परिवार की मांग है कि सभी आरोपियों को जल्द गिरफ़्तार किया जाए और मृतक परिवारों को 50-50 लाख रुपए का आर्थिक मुआवजा दिया जाए. पीड़ित परिवार ने मामले की सीबीआई से जांच करवाने की भी मांग की.

मंत्री ने कहा- आरोपी बख्शा नहीं जाएगा

शुक्रवार को धरने पर बैठे लोगों से मिलने पहुंचे मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने पीड़ित परिवारों को आश्वासन दिया कि कोई भी आरोपी बख्शा नहीं जाएगा, उन्होंने पीड़ित परिवारों से मृतकों के शवों का जल्द से जल्द पोस्टमार्टम करवाकर सम्मान के साथ दाह संस्कार करने का निवेदन किया. लेकिन परिजन अपनी मांगों पर अड़े रहें.

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मंत्री ने 18 लाख के मुआवजे की बात कही, पीड़ित 50 लाख मांग रहे

मंत्री मेघवाल ने अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मृतक परिवारों को तत्काल 8-8 लाख रुपए देने की घोषणा की. साथ ही सरकार की अन्य योजनाओं से भी 10-10 लाख रुपए का मुआवज़ा जल्द देने की बात भी कही. लेकिन पीड़ित परिवार 50-50 लाख देने की मांग पर अड़े रहे.
 

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भाजपा सांसदों की टीम भी जांच को पहुंची

इस घटना के विरोध में शुक्रवार को कुचामन के सभी बाजारों की दुकानों पर पूरे दिन ताले लटके रहे, जिससे लोगों को रोजमर्रा के जरूरी वस्तुओं के लिए परेशान होना पड़ा. इधर मामले की जांच के लिए शुक्रवार को भाजपा के चार सांसदों की टीम भी कुचामन पहुंची. इस समिति में राज्य सभा सांसद व पूर्व डीजीपी बृजलाल, सांसद कान्ता कर्दम, सांसद रंजीता कोली, राज्य सभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार, सांसद डॉ मनोज राजोरिया शामिल थे। इस दौरान इस समिति ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी. साथ की धरने में भी शामिल हुए.

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भाजपा सांसदों ने राजस्थान सरकार पर साधा निशाना

समिति सदस्यों ने पीड़ित परिवारों को भरोसा दिलाया कि न्याय की इस लड़ाई में समूची भाजपा पीड़ितों के साथ है. उन्होंने गहलोत सरकार पर कानून व्यवस्था में फेल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान में कानून व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। दलित अपराध में राजस्थान पहले पायदान पर पहुंच चुका है.

भाजपा सांसदों ने आगे कहा कि राजस्थान के हर हिस्से में दलितों पर अत्याचार की घटनाएं होती रहती है. पूरे प्रदेश में गैंगवार  चरम पर है। बदमाशों के हौसले बुलंद है। बजरी माफिया, शराब माफिया और अलग अलग गैंग के बदमाश आए दिन गंभीर अपराधों को अंजाम दे रहे हैं.

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