Mahatma Gandhi English-medium School: महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम विद्यालयों में आवेदन की अंतिम तिथि को एक बार फिर से बढ़ाया गया है. बता दें वर्तमान सरकार ने इंग्लिश मीडियम स्कूलों को वापस हिंदी मीडियम में बदलने की प्रक्रिया में लगी है. अशोक गहलोत सरकार के समय में इंग्लिश मीडिय स्कूल खोले गए थे. लेकिन अब सरकार इसे फिर से हिंदी मीडियम में कन्वर्ट करने की तैयारी में हैं. लेकिन दूसरी ओर शिक्षा विभाग इन्हीं इंग्लिश मीडियम स्कूलों में एडमिशन के आवेदन की आखिरी तारीख बढ़ाने के आदेश जारी किये हैं. ऐसे में शिक्षा विभाग का यह आदेश इंग्लिश मीडियम स्कूलों को हिंदी मीडिया में कन्वर्ट करने के लिए लिए जा रहे निर्णय में यू टर्न की तरफ़ इशारा कर रहा है.
ऑनलाइन आवेदन की तारीख बढ़ी
राजस्थान में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम विद्यालयों को लेकर वर्तमान की भजनलाल सरकार वापस इन स्कूलों को हिंदी मीडियम में बदलने की तैयारी कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम विद्यालय में ऑनलाइन आवेदन लेने की तारीख 15 मई से बढ़ाकर 6 जून 2024 कर दी गई है. महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में विद्यार्थी का एडमिशन लॉटरी के माध्यम से होगा. पूरे प्रदेश भर में 3500 के करीब महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम विद्यालय है. महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम विद्यालयों को पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश में हिंदी मीडियम विद्यालयों को इंग्लिश मीडियम में कन्वर्ट किया था.
वहीं इन महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में विद्यार्थियों के एडमिशन में भामाशाहों को विशेष कोटा दिया गया है इसके तहत जिन भामाशाहों ने 50 लाख से अधिक राशि विद्यालयों के भवन निर्माण के लिए दी है. उन्हें हर क्लास में दो विद्यार्थियों का या फिर पूरे स्कूल में 10 विद्यार्थियों का एडमिशन करवाने का कोटा निर्धारित किया गया है.
राजस्थान के महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल बना राजनीतिक मुद्दा
राजस्थान में सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल को बंद करने की सुर्खियां लगातार चर्चा में बनी हुई है. वहीं इन सुर्खियों के चलते राजस्थान के पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार के समय हिंदी मीडियम स्कूलों को इंग्लिश मीडियम स्कूलों में कन्वर्ट किया गया था. इन अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के बंद करने को लेकर कांग्रेस के तमाम नेता इसका विरोध करते हुए नजर आए. वहीं दूसरी और भाजपा के नेताओं का कहना है कि कांग्रेसी नेताओं के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है प्रदेश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने आनंद-फानन में बिना कोई नीति और योजना बनाकर वोट बैंक के खातिर सरकारी स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित कर दिया, जबकि इन स्कूलों में अंग्रेजी पढ़ने वाले शिक्षक तक नहीं लगाए गए हैं. भाजपा सरकार के रिव्यू करने के फैसले का विरोध करने वाले कांग्रेस से नेता विरोध प्रदर्शन में भी शामिल नहीं हुए थे.
महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल को बदलने के मुख्य कारण
इन इंग्लिश मीडियम स्कूल को हिंदी मीडियम में बदलने का मुख्य कारण हिंदी मीडियम के शिक्षकों का होना. महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए फंड की कमी. वहीं इन स्कूलों में अधिकतर शिक्षकों की कमी मुख्य वजह बताई जा रही है.