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राजस्थान चिकित्सा विभाग की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, 945 ऑर्गन ट्रांसप्लांट में से 261 डोनर रिसीवर नहीं थे रिश्तेदार, रडार पर 15 अस्पताल

चौंकाने वाली बात ये रही कि एक साल में 171 ट्रांसप्लांट विदेशी नागरिकों के हुए जो कि जयपुर के चार बड़े अस्पतालों में हुए. इनमें फोर्टिस अस्पताल में 103, ईएचसीसी में 34, मणिपाल हॉस्पिटल में 31 और महात्मा गांधी अस्पताल में 2 विदेशी नागरिकों के ट्रांसप्लांट के केस हुए हैं.

राजस्थान चिकित्सा विभाग की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, 945 ऑर्गन ट्रांसप्लांट में से 261 डोनर रिसीवर नहीं थे रिश्तेदार, रडार पर 15 अस्पताल
राजस्थान के सीएम और स्वास्थ्य मंत्री का फाइल फोटो.

Rajasthan News: राजस्थान में फर्जी एनओसी के जरिए ऑर्गन ट्रांसप्लांट वाले मामले (Organ Transplant Fake NOC Case) में आखिरकार 45 दिन बाद विभागीय जांच रिपोर्ट सामने आ गई है. इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. राज्य स्तरीय कमेटी ने जांच पूरी होती ही अपनी रिपोर्ट चिकित्सा विभाग को सौंप दी है. इसी रिपोर्ट के आधार पर राजस्थान सरकार ने एसएमएस के अतिरिक्त अधीक्षक राजेंद्र बागड़ी (Dr. Rajendra Bagdi) को निलंबित कर दिया गया है. जबकि डॉ राजीव बगरहट्टा (Dr. Rajeev Bagarhatta) और डॉ अचल शर्मा (Dr. Achal Sharma) को 16 सीसीए का नोटिस जारी किया है.

प्रदेश के 15 अस्पतालों को रिकॉर्ड जब्त

चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर (Gajendra Singh Khimsar) ने कहा कि गड़बड़ी सामने आने के बाद चिकित्सा विभाग ने उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठित किया था. जांच के दौरान पता चला है कि राजस्थान में 15 अस्पतालों में ह्यूमन ऑर्गन ट्रांसप्लांट किया जा रहा है. इनमें 4 सरकारी और 11 प्राइवेट हॉस्पिटल शामिल हैं. फर्जी एनओसी का मामला सामने आने के बाद सभी अस्पतालों का रिकॉर्ड जब्त कर लिया गया है. जांच में ये भी में पता चला है कि एक साल में 945 ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुए हैं. इनमें से 82 सरकारी अस्पतालों में और 863 प्राइवेट हॉस्पिटल में किए गए हैं. कमेटी को 933 का रिकॉर्ड मिल चुका है. 933 ऑर्गन ट्रांसप्लांट में से 882 किडनी और 51 लीवर के ट्रांसप्लांट केस शामिल थे. बड़ी बात ये रही कि ट्रांसप्लांट के 269 केस थे, जिनमें डोनर और रिसीवर रिश्तेदार नहीं थे.

1 साल में 171 विदेशियों का ट्रांसप्लांट

चौंकाने वाली बात ये रही कि एक साल में 171 ट्रांसप्लांट विदेशी नागरिकों के हुए जो कि जयपुर के चार बड़े अस्पतालों में हुए. इनमें फोर्टिस अस्पताल में 103, ईएचसीसी में 34, मणिपाल हॉस्पिटल में 31 और महात्मा गांधी अस्पताल में 2 विदेशी नागरिकों के ट्रांसप्लांट के केस हुए हैं. दरअसल एसीबी ने इसी साल 31 मार्च को एक शिकायत के आधार पर SMS हॉस्पिटल में छापा मारकर फर्जी एनओसी के दस्तावेज बरामद किए थे. एसीबी ने एसएमएस हॉस्पिटल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह और ईएचसीसी हॉस्पिटल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी को पेसों का लेनदेन करते भी पकड़ा था. टीम ने इनके पास से 70 हजार रुपए और 3 फर्जीएनओसी भी जब्त की थी. इसके बाद कड़िया जुड़ती गई और पूरे मामले का काला सच सामने आया है.

जांच पूरी तरह से बंद नहीं हुई है

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट भले आ गई हो, लेकिन जांच पूरी तरह से बंद नहीं हुई है. पुलिस और एसआईटी को स्वास्थ्य विभाग जांच में सामने आए सभी दस्तावेज उपलब्ध कराएगा और जांच में पूरा सहयोग किया जाएगा, जिससे इस गोरखधंधे से जुड़े सभी आरोपी बेनकाब हो सकें.

ये भी पढ़ें:- Organ Transplant Fake NOC मामले में डॉ. राजेन्द्र बागड़ी सस्पेंड, डॉ. बगरहट्टा और डॉ. अचल को CCA के तहत नोटिस

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