Naresh Meena: लंबी कानूनी जद्दोजहद के बाद आखिर समरावता हिंसा मामले में नरेश मीणा को राजस्थान हाई कोर्ट से ज़मानत मिल गई. अदालत के फैसले के बाद नरेश मीणा की पैरवी कर रहे उनके वकील फतेहराम मीणा भावुक हो गए. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए फ़तेह राम ने कहा कि यह उनके लिए न केवल कानूनी जीत है, बल्कि न्याय में विश्वास की जीत भी है.
देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान 13 नवंबर 2024 की रात हुए उपद्रव और आगजनी से जुड़े मामले में नरेश मीणा को बड़ी राहत मिली है. इस प्रकरण में दर्ज नगरफोर्ट थाने की एफआईआर संख्या 167/24 में हाईकोर्ट ने नरेश मीणा की जमानत याचिका मंजूर कर ली है. उल्लेखनीय है कि पुलिस इस मामले में पहले ही चालान पेश कर चुकी है. हाईकोर्ट ने माना कि मामले की परिस्थितियों में याचिकाकर्ता को जमानत दी जा सकती है. इससे पहले दो बार उनकी जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी थीं.
तीसरी ज़मानत याचिका में मिली राहत
जमानत याचिका पर सुनवाई जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने की और आदेश जारी किए हैं. यह नरेश मीणा की तीसरी जमानत याचिका थी, जिस पर अब जाकर राहत मिली है. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में एडवोकेट फतेहराम मीणा ने पैरवी की थी. अब जमानत मंजूर होने के बाद नरेश मीणा के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है.
क्या था पूरा मामला ?
नवंबर 2024 में विधानसभा उपचुनाव हुआ था. इस दौरान देवली उनियारा विधानसभा में मतदान के दौरान समरावता गांव के लोगों ने मतदान बहिष्कार किया था. नरेश मीणा ने भी गांव वालों का समर्थन किया. इस दौरान कुछ लोगों को जबरन वोट दिलवाने का आरोप SDM पर लगाते हुए नरेश मीणा ने एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ जड़ दिया था.
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