पहले तेज बारिश... फिर नदी का उफान, रास्ता बंद होने से भरतपुर के 20 गांवों का जीना हो रहा मुश्किल

भरतपुर में ब्रह्मबाद रुदावल मार्ग स्थित पक्की पुलिया कुकुंद नदी के तेज बहाव में बह गई. रास्ता बंद होने से यहां 20 गांवों के लोगों के लिए परेशानी बढ़ गई है.

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भरतपुर गांव

Bharatpur Village: राजस्थान में इस बार भी जम कर बारिश हुई है. मानसून आने के बाद पूर्वी राजस्थान में बारिश का दौर चला, वहीं मानसून जाते-जाते बारिश से तबाही मचा रहा है. लगातार एक हफ्ते से राजस्थान में बारिश का दौर जारी है. जिससे सड़क और कॉलोनियों के नाले जाम हो चुके हैं. वहीं दूसरी ओर नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं. ऐसे में नदी का पानी शहर और गांवों में घुस रहा है. कई जगहों पर गांव टापू बन गए हैं और आवागमन के रास्ते बंद हो चुके हैं. भरतपुर में कुछ ऐसे ही हालात हैं.

भरतपुर में 20 गांव बुरी तरह बेहाल

भरतपुर में ब्रह्मबाद रुदावल मार्ग स्थित पक्की पुलिया कुकुंद नदी के तेज बहाव में बह गई. जिससे आवागमन का रास्ता बंद हो गया रास्ता बंद होने से यहां 20 गांवों के लोगों के लिए परेशानी बढ़ गई है. और जीना मुश्किल हो गया है. दैनिक उपयोग की सामग्री के लिए कही किलों मीटर का सफर तय करने को मजबूर है.

कौंन-कौंन गांव में रास्ता बंद

नाहरोली गांव के ग्रामीणों का कहना है दो माह पूर्व जब मानसून की तेज बारिश हुई थी और बांध बरेठा के गेट खोलकर कुकुंद नदी में पानी छोड़ा गया था. तब यह पक्की पुलिया पानी के तेज बहाव को नहीं सह सकी. यह पुलिया नाहरोली गांव के पास ब्रह्मबाद रुदावल मार्ग पर स्थित है. यह करीब 20 गांव को जोड़ती है जिसमें कोठी खेड़ा,चौखंडा, नगला कुर बारिया, सेवला, बिरहठा, अगावली, बाजौली, बांसरोली, रीछोली, पीपरी, सादपुरा, कुंदेर, बरौदा आदि गांव प्रमुख है. 

डोम पहले जिला प्रशासन एवं स्थानीय विधायक को अवगत कराया था जिसमें मिट्टी डालकर आवागमन के लिए रास्ता बनाया था लेकिन मिट्टी पानी के बहाव में बह गई. ग्रामीणों की मांग है कि वह कई किलोमीटर का सफर तय करने को मजबूर है इस पुलिया का निर्माण कराया जाए जिससे ग्रामीणों को राहत मिले. 

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