Sukhbir Singh Jaunapuria: लोकसभा चुनाव 2024 में राजस्थान में बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पड़ा है. इसमें सुखबीर सिंह जौनापुरिया भी शामिल हैं जिसे सचिन पायल के गढ़ वाली टोंक सवाई माधोपुर सीट से कांग्रेस के हरीश मीणा से हार का सामना करना पड़ा. बता दें जौनापरिया को हरीश मीणा ने 64,949 वोटों से शिकस्त दी है. ऐसे में सवाल उठता है कि पिछले दो लोकसभा चुनाव में 1 लाख से ज्यादा वोटों से जितने वाले जौनापुरिया इस बार क्यों हार गए. जबकि जौनपुरिया के पक्ष में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनियारा में सभा की थी. हाल यह रहा कि उनियारा विधानसभा से भी जौनापुरिया को हार का सामना करना पड़ा. जौनापुरिया की हार के बाद सवाल उठ रहा है कि आखिर उनकी हार का मुख्य कारण क्या था.
गुटबाजी से लेकर मिस मैनेजमेंट रही वजह
सचिन पायलट के गढ़ टोंक में हरीश मीणा की जीत से कहीं ज्यादा चर्चे सुखबीर सिंह जौनापुरिया की हार की हो रही है. माना जा रहा है कि जौनापुरिया की हार की वजह बीजेपी की गुटबाजी है. इसके अलावे यह भी कहा जा रहा है कि सुखबीर सिंह जौनापुरिया की मिस मैनेजमेंट भी बड़ी वजह है. कहा जा रहा है कि बीजेपी ने उन्हें टिकट दे दिया लेकिन जौनापुरिया चंद लोगों से घिरकर रह गए थे.
जनता से दूरी भी बनी वजह
सुखबीर सिंह जौनापुरिया की हार की वजह का कारण बताते हुए जनता ने कहा कि उन्होंने जनता से दूरी बना ली थी. यह खासतौर से उनकी हार की वजह है. सवाई माधोपुर जिले में पिछले दो चुनावों में आए परिणाम से उन्होंने कोई सबक नहीं सीखा. जिससे जनता ने उन्हें सबक सिखा दिया. कहा जा रहा है कि 8 विधानसभा के बीजेपी नेताओं से मनमुटाव और दोनों जिलों के जिलाध्यक्ष से उनकी नहीं बनी. इतना ही नहीं RSS के कार्यकर्ताओं की अनदेखी भी जौनापुरिया से हार का सामना करना पड़ा.
बता दें, कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी हरीश चन्द्र मीना ने बीजेपी के प्रत्याशी सुखबीर सिंह जौनपुरिया को 64 हजार 949 मतों से पराजित किया. कांग्रेस के हरीश चंद्र मीना को 6 लाख 23 हजार 763 वोट मिले. जबकि भारतीय जनता पार्टी के सुखबीर सिंह जौनपुरिया को 5 लाख 58 हजार 814 वोट मिले.
इस चुनाव में टोंक सीट पर कुल 56.58 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मतदान का प्रयोग किया था. यह मतदान प्रतिशत 2019 के मतदान प्रतिशत 63.44 से साढ़े छह प्रतिशत कम है. जिसको लेकर अलग अलग कयास लगाए जा रहे थे कि मतदान प्रतिशत का घटना क्या बीजेपी का नुकसान करेगा.छह प्रतिशत कम मतदान होने से इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी के लिए चिंता की बात पहले ही थी. वहीं मतदान के दौरान अल्पसंख्यक ओर एसटी ओर एससी बाहुल्य मतदान केंद्रों पर मतदान बढ़ना वह सचिन पायलट की विधानसभा टोंक में 61 प्रतिशत से ज्यादा मतदान होना, जबकि बीजेपी की उम्मीदों वाले मालपुरा और निवाई विधानसभा क्षेत्र में मतदान प्रतिशत का घट जाना कयासों ओर परिणाम को लेकर कांग्रेस की उम्मीदों को 15 साल बाद फिर से इस सीट पर उम्मीदों को पंख लगा रहा था. परिणाम भी ऐसा ही हुआ सुखबीर सिंह जौनापुरिया बीजेपी की गुटबाजी ओर जनता की नाराजगी का शिकार हुए तो पायलट के प्रभाव के चलते गुर्जर समाज कम वोटिंग भी बीजेपी की हार की वजह रही.
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