Lok Sabha Elections 2023: राजस्थान की 10 VIP सीटें, जिनपर रहेगी पूरे प्रदेश की नजर... पढ़ें सियासी समीकरण

राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटें है. यहां शुरुआती दो चरणों में 19 और 26 अप्रैल को वोटिंग होनी है. प्रदेश से कई केंद्रीय मंत्री चुनावी मैदान में हैं. आइए जानते हैं राजस्थान की वीआईपी सीटों के बारे में.

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लोकसभा चुनाव राजस्थान की 10 वीआईपी सीटों का सियासी समीकरण.

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. 19 अप्रैल से सात चरणों में पूरे देश में वोटिंग होगी. बात राजस्थान की करें राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटें है. इनमें से 12 सीटों पर पहले चरण में 19 अप्रैल तो 13 सीटों पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोटिंग होगी. राजस्थान में भाजपा-कांग्रेस में सीधा मुकाबला होता आया है. प्रदेश से कई केंद्रीय मंत्री भी चुनावी मैदान में हैं. ऐसे में प्रदेश की कई सीटें ऐसी हैं, जिनपर न केवल पूरे प्रदेश की बल्कि देश की नजरें भी टिकी होगी. आइए जानते हैं राजस्थान की 10 VIP लोकसभा सीटों के बारे में. 

1. जोधपुर लोकसभा सीट:

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत जोधपुर से दो बार से सांसद हैं. उन्होंने 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को 2.74 लाख वोटों के रिकॉर्ड अंतर से हराया था. जोधपुर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह जिला है.

BJP ने इस बार भी यहां से शेखावत को उम्मीदवार बनाया है जबकि कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बदलते हुए करण सिंह उचियारड़ा को मैदान में उतारा है. वह इस समय कांग्रेस में प्रदेश महासचिव हैं. जोधपुर में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोटिंग होगी. देखना है कि शेखावत यहां से हैट्रिक लगा पाते हैं या नहीं. 

2. बीकानेर लोकसभा सीट:

दलित नेता और मोदी मंत्रिमंडल के प्रमुख चेहरों में से एक अर्जुन राम मेघवाल 2009 से बीकानेर सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इस लोकसभा क्षेत्र में विभिन्न मुद्दों को लेकर अनेक बड़े किसान आंदोलन हुए हैं. ब्राह्मण और अनुसूचित जाति यहां के प्रमुख मतदाताओं में से हैं.

BJP ने इस बार फिर अर्जुनराम मेघवाल को उम्मीदवार बनाया है तो कांग्रेस ने पिछली गहलोत सरकार में मंत्री रहे गोविंदराम मेघवाल को टिकट दिया है. बीकानेर में पहले चरण में 19 अप्रैल को वोटिंग होनी है. यहां इस बार मेघवाल बनाम मेघवाल का मुकाबला है. 

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3. जयपुर लोकसभा सीटः

राज्य की राजधानी होने के कारण जयपुर को लोकसभा की 'वीआईपी सीट' माना जाता है. रामचरण बोहरा यहां से दो बार से सांसद हैं. आमतौर पर इसे भाजपा की सीट माना जाता है. भाजपा एवं कांग्रेस दोनों ने ही अभी यहां उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं.

जयपुर लोकसभा सीट से भाजपा किसी ब्राह्मण चेहरे को मौका दे सकती है. दूसरी ओर कांग्रेस भी सभी समीकरण को साधते हुए उम्मीदवार के चयन की प्रक्रिया में जुटी है. यहां प्रत्याशी तय होने के बाद सियासी समीकरण समझ में आने लगेगा. जयपुर में पहले चरण में 19 अप्रैल को वोटिंग होगी. 

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4. सीकर लोकसभा सीटः

सीकर जाट और किसान बहुल लोकसभा क्षेत्र है जिसका प्रतिनिधित्व 2014 से स्वामी सुमेधानंद कर रहे हैं. यह शेखावाटी इलाके में आती है जो अपनी हवेलियों के लिए प्रसिद्ध प्रमुख पर्यटक केंद्र है. सीकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का गृहनगर भी है.

भाजपा की ओर से यहां से एक बार स्वामी सुमेधानंद सरस्वती चुनाव मैदान में हैं. कांग्रेस ने अभी उम्‍मीदवार घोषित नहीं किया है. सीकर लोकसभा सीट पर पहले चरण में 19 अप्रैल को वोटिंग होगी. सीकर का चुनाव डोटासरा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न होगा. 

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5. कोटा-बूंदी  लोकसभा सीटः

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला 2014 से कोटा-बूंदी से सांसद हैं. उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव 2.79 लाख वोटों के अंतर से जीता था. कोटा मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज प्रवेश परीक्षाओं के लिए कोचिंग केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है, जहां देश भर से बड़ी संख्या में छात्र तैयारी के लिए आते हैं.  कोटा लोकसभा सीट से कांग्रेस ने अभी अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. कोटा में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोटिंग होगी. 

6. अलवर लोकसभा सीटः

राजस्थान की अलवर लोकसभा सीट से भाजपा-कांग्रेस में यादव vs यादव की टक्कर तय हो गई है. यहां से भाजपा ने राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव को चुनावी मैदान में उतारा था. जिनसे मुकाबले के लिए कांग्रेस ने विधायक ललित यादव को लोकसभा के चुनावी मैदान में उतारा है.

ललित यादव अलवर जिले की मुंडावर विधानसभा सीट से विधायक हैं. 2023 के विधानसभा चुनाव में ललित यादव को 1 लाख से अधिक वोट मिले थे. जबकि भाजपा प्रत्याशी मनजीत चौधरी को 69 हजार के करीब वोट मिले थे. अलवर में पहले चरण में 19 अप्रैल को वोटिंग होगी.


7. जालौर-सिरोही लोकसभा सीटः

इस बार से लोकसभा चुनाव में राजस्थान की जालौर-सिरोही लोकसभा सीट पर पूरे देश की नजरें टिकी होगी. क्योंकि यहां से कांग्रेस ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को चुनावी मैदान में उतारा है. दूसरी ओर भाजपा ने यहां से लुंबाराम चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा है.

भाजपा ने जालोर सांसद देव जी पटेल का टिकट काट दिया था. देव जी पटेल विधानसभा चुनाव में हार गए थे. जिसके बाद उनका टिकट कटना तय माना जाता था. लुंबाराम चौधरी भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता हैं. जमीन से जुड़े नेता हैं. टिकट मिलने वाले दिन भी वो बाइक से घूमते नजर आए थे. अब वो पूर्व सीएम के बेटे से चुनावी मैदान में भिड़ेंगे.  जालौर में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोटिंग होगी. 

8. चूरू लोकसभा सीटः

कांग्रेस ने चूरू से राहुल कस्वां को चुनावी मैदान में उतार दिया है. कस्वां यहां से बीते दो टर्म से सांसद हैं. हालांकि दोनों बार उन्होंने भाजपा से चुनाव जीता था. इस बार भाजपा ने उनका टिकट काट दिया था. जिसके बाद वो कांग्रेस में शामिल हो गए. अब चूरू में भाजपा प्रत्याशी पैरा एथलीट देवेंद्र झाझरिया की कांग्रेस प्रत्याशी राहुल कस्वां से टक्कर होगी.

राहुल कस्वां के परिवार का चूरू की राजनीति में लंबे समय से दखल रहा है. वो साल 2014 में वह सबसे कम उम्र के सांसद बने थे. राहुल कस्वां के पिता राम सिंह कस्वां भी चार बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके हैं. यही नहीं, उनके दादा दीपचंद कस्वां भी लोकसभा सांसद रहे हैं. राहुल कस्वां की मां कमला कस्वां भी सादुलपुर से विधायक रह चुकी हैं. इसके अलावा राहुल कस्वां उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के दामाद भी हैं. चूरू में पहले चरण में 19 अप्रैल को वोटिंग होगी. 

9.  चित्तौड़गढ़ लोकसभा सीटः

चित्तौड़गढ़ से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी मौजूदा सांसद हैं. पार्टी ने उन्हें इस बार फिर से चुनावी मैदान में उतारा है. दूसरी ओर कांग्रेस से उदय लाल आंजना को चुनावी मैदान में उतारा है. उदयलाल आंजना पेशे उद्योगपति हैं. गहलोत की पिछली सरकार में वो सहकारिता मंत्री थे. विधानसभा चुनाव से पहले उनके दफ्तर और घर पर आईटी की रेड भी पड़ी थी. पैसे वाले उम्मीदवार हैं. देखना है कि लोकसभा चुनाव में सीपी जोशी से किस हद तक मुकाबला करते हैं. चित्तौड़गढ़ में 26 अप्रैल को वोटिंग होगी. 


10. उदयपुर लोकसभा सीटः

उदयपुर एक ST सीट है. बीजेपी ने इस सीट पर मन्नालाल रावत को उम्मीदवार घोषित किया है. मन्नालाल रावत भी राजस्थान परिवहन विभाग में एडिशन कमिश्नर रह चुके हैं. मन्नालाल रावत ने भी चुनाव लड़ने के लिए VRS लिया है. अब तारा चंद मीणा की टक्कर मन्नालाल रावत के साथ होने वाली है.

ऐसे में उदयपुर सीट पर चुनाव दिलचस्प होने वाला है. तारा चंद मीणा जो एक IAS अधिकारी है. लेकिन हाल ही में उन्होंने VRS के लिए आवेदन किया था. जिसे मंजूर भी कर लिया गया है. उदयपुर में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोटिंग होगी. 

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