Lok Sabha Elections 2024: पहली सूची में 7 नए चेहरों के ऐलान के बाद, बाकी 10 सीटों पर सांसदों को सता रहा डर

राजस्थान में बीजेपी ने जिस तरह से 15 सीटों पर उम्मीदवारों की सूची जारी की है और 7 नए चेहरों को मौका दिया. उससे बाकी 10 सीटों के सांसदों को टिकट का डर सता रहा है.

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बीजेपी जल्द जारी करेगी 10 सीटों पर उम्मीदवार

Lok Sabha Elections 2024: राजस्थान में बीजेपी ने 25 लोकसभा सीटों में से 15 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान 2 फरवरी को ही कर दिया है. वहीं 10 सीटों पर टिकट ऐलान का इंतजार किया जा रहा है. वहीं, जिस तरह से 15 सीटों में से 7 सीटों पर नए चेहरों का ऐलान किया गया है. इससे जहां नए लोगों को टिकट मिलने की उम्मीद है. तो वहीं पुराने दिग्गज इस बात से परेशान हैं कि अब किसका टिकट कटने वाला है. बीजेपी ने जो राजस्थान के लिए 15 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है. उसमें से 7 चेहरे नए हैं जबकि 8 मौजूदा सांसदों पर बीजेपी ने भरोसा जताया है. दो सांसदों के वर्ष 2023 का विधानसभा चुनाव जीतने के बाद सात में से दो सीट पहले से रिक्त थीं.

राजस्थान की कुल 25 लोकसभा सीट में से 15 सीट के लिए उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया गया है, लेकिन इन 15 में से सात लोकसभा सीट पर नए चेहरे उतारे जाने से शेष मौजूदा सांसदों का भविष्य भी अधर में दिख रहा है.

10 सीटों पर टिकट के ऐलान का इंतजार

बीजेपी की पहली सूची में बीकानेर, चूरू, सीकर, अलवर, भरतपुर, नागौर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालौर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, कोटा और झालावाड़-बारां के उम्मीदवारों की घोषणा की गई है, जबकि अजमेर, भीलवाड़ा, दौसा, गंगानगर, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, झुंझुनू, करौली-धौलपुर, राजसमंद और टोंक-सवाई माधोपुर के लिए टिकटों की घोषणा का इंतजार है.

15 सीटों पर उम्मीदवार

बीजेपी पहली सूची में तीनों केंद्रीय मंत्रियों - गजेंद्र सिंह शेखावत (जोधपुर), अर्जुन मेघवाल (बीकानेर) और कैलाश चौधरी (बाड़मेर) के साथ-साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (कोटा-बूंदी), भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सी.पी. जोशी (चित्तौड़गढ़) को बरकरार रखा है. इनके अलावा सुमेधानंद सरस्वती (सीकर), पीपी चौधरी (पाली) और दुष्यंत सिंह (झालावाड़-बारां) का टिकट फिर से दिया गया है.

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वहीं, पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुईं ज्योति मिर्धा को नागौर सीट से टिकट मिला है. टिकट पाने वाले अन्य नए लोगों में महेंद्रजीत सिंह मालवीय (बांसवाड़ा), मन्नालाल रावत (उदयपुर) और रामस्वरूप कोली (भरतपुर) का नाम शामिल है.

जिन मौजूदा सांसदों के टिकट काटे गए हैं उनमें राहुल कस्वां (चूरू), रंजीता कोली (भरतपुर), देवजी पटेल (जालौर), अर्जुन लाल मीणा (उदयपुर) और कनकमल कटारा (बांसवाड़ा) शामिल हैं, पिछले साल दिसंबर में विधानसभा चुनाव में बीजेपी नेता बाबा बालक नाथ के जीतने पर अलवर सीट खाली हुई है. इसी तरह आरएलपी के हनुमान बेनीवाल के विधायक बनने पर नागौर सीट खाली हुई है. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 24 सीट जीती थीं और उसके गठबंधन सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने नागौर सीट से जीत दर्ज की थी. इस तरह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजद) ने सभी 25 सीट पर जीत हासिल कर ली थी. बेनीवाल की आरएलपी अब राजग की सहयोगी नहीं है और वह खुद वर्तमान में विधायक हैं.

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क्यों काटा गया राहुल कस्वां का टिकट

चूरू से दो बार के सांसद राहुल कस्वां और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के बीच मतभेद साफ नजर आ रहे थे और माना जा रहा है कि अंदरूनी कलह के कारण ही उनका टिकट काटा गया है. विधानसभा चुनाव में राठौड़ की हार के लिए कस्वां को जिम्मेदार ठहराया गया था. चूरू सीट पर राहुल कस्वां की जगह पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता देवेंद्र झाझड़िया को नये चेहरे के रूप में टिकट दिया गया है, जबकि देवजी पटेल, जो 2023-विधानसभा चुनाव हार गए थे, की जगह लुंबाराम चौधरी को उम्मीदवार बनाया गया है.

जीतने की क्षमता पर दिया जा रहा टिकट

बीजेपी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि टिकट तय करने के लिहाज से पार्टी के लिए ‘जीतने की क्षमता' ही एकमात्र मानदंड है. पार्टी ने सभी 25 लोकसभा सीट जीतने का लक्ष्य रखा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राष्ट्रीय स्तर पर राजग 300 सीट के आंकड़े को पार कर जाए. उन्होंने बताया कि ‘जीतने की क्षमता' का आकलन करने के लिए सर्वेक्षणों और विभिन्न स्तरों पर प्राप्त ‘फीडबैक' और अन्य विभिन्न मानदंडों के तहत सांसद के व्यक्तिगत प्रदर्शन का मूल्यांकन किया गया है और उसी के आधार पर टिकट तय करने की कवायद की गई है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि बाकी सीट पर इस हफ्ते फैसला ले लिया जाएगा.

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अब 10 सीटों पर किन-किन सांसदों का टिकट कटेगा यह कहना मुश्किल है. लेकिन जिस तरह से नए चेहरे तय किये जा रहे हैं. उसमें 10 में से 5 सीटों पर नए चेहरे जरूर नजर आ सकते हैं यह तय माना जा रहा है.

अजमेर सीट से सांसद भागीरथ चौधरी और झुंझुनू से सांसद नरेंद्र कुमार विधानसभा चुनाव हार गए थे और संभावना है कि उन्हें बदला जा सकता है. पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और पूर्व उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था और उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए टिकट मिलने की संभावना है. कयास लगाए जा रहे हैं कि राजेंद्र राठौड़ को राजसमंद से टिकट मिल सकता है और पूनिया को अजमेर या जयपुर ग्रामीण सीट से मैदान में उतारा जा सकता है. 

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