देवेंद्र झाझरियाः गरीबी में बीता बचपन, करंट लगने से कटा हाथ, पैरालंपिक में जीते कई मेडल; अब भाजपा ने दिया लोकसभा का टिकट 

BJP Lok Sabha Candidate list 2024: चूरू से मौजूदा सांसद राहुल कस्वा का टिकट काटकर गोल्ड मेडलिस्ट देवेंद्र झाझरिया को भाजपा ने मैदान में उतारा है. जानें देवेंद्र झाझरिया के बारे में ये खास बातें...

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चूरू से लोकसभा प्रत्याशी बनाए गए एथलीट देवेंद्र झाझरिया की तस्वीर

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी आज कांग्रेस से आगे निकल गई है. बीजेपी ने लोकसभा उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी करते हुए 195 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. वहीं राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों की बात करें तो राजस्थान में भी भाजपा ने अपने 15 प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है. जिसमें एक नाम चूरू से सामने आया है. यहां भाजपा ने मौजूदा सांसद राहुल कस्वा की टिकट काटते हुए खेलों की दुनिया में अलग पहचान रखने वाले पद्म विभूषण देवेंद्र झाझरिया को अपना उम्मीदवार बनाया है. झाझरिया इस चुनाव के जरिए पहली बार राजनीति में प्रवेश कर रहे हैं.

कौन हैं देवेंद्र झाझरिया

राजस्थान के चुरू में रामसिंह झांझरिया और जानवी देवी के घर पर, 10 जून 1981 को देवेंद्र झाझरिया का जन्म हुआ. जब वे 8 वर्ष थे तब पेड़ पर चढ़ने के दौरान उन्होंने बिजली के तार को छू लिया था, जिसके इलाज के दौरान उनका एक हाथ कट गया था.

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स्कूल से की भाला फेंकने की शुरुआत

1995 में स्कूली प्रतियोगिता से उन्होंने भाला फेंकने की शुरूआत की. कॉलेज में पढ़ते वक्त बंगलौर में राष्ट्रीय खेलों में जैवलिन थ्रो और शॉट पुट में पदक जीतने के बाद तो देवेंद्र ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. 1999 में राष्ट्रीय स्तर पर जेवलिन थ्रो में सामान्य वर्ग के साथ कड़े मुकाबले के बावजूद स्वर्ण पदक जीतना देवेंद्र के लिए बड़ी उपलब्धि थी. इस तरह उपलब्धियों का सिलसिला चल पड़ा पर वास्तव में देवेंद्र के ओलंपिक स्वप्न की शुरुआत हुई. 

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पैरालंपिक गेम्स में जीता गोल्ड

पैरा-गेम्स में भारत के दिग्गज एथलीटों में शामिल झाझरिया ने देश के लिए कई मेडल जीते हैं. उन्होंने सबसे पहले 2004 के एथेंस पैरालंपिक गेम्स में सफलता हासिल की थी, तब उन्होंने जैवलिन में वर्ल्ड रिकॉर्ड 62.15 मीटर थ्रो के साथ गोल्ड मेडल जीता था. वो पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय बने थे.

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बीजेपी ने जताया बड़ा भरोसा

पद्मभूषण से सम्मानित जैवलिन थ्रोअर देवेंद्र झाझड़िया की राजनीति में एंट्री हो गई है. उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने चुरु से टिकट दिया है. बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी जिसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा सम्मानित झाझड़िया को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है.

PCI के अध्यक्ष पर होगा निर्विरोध निर्वाचन

28 फरवरी को दो बार पैरालंपिक में स्वर्ण विजेता देवेंद्र झाझड़िया ने भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) के नौ मार्च को होने वाले चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए बुधवार को नामांकन पत्र दाखिल किया. उनके अलावा किसी ने इस पद के लिए आवेदन नहीं दिया है. ऐसे में झाझरिया का निर्विरोध निर्वाचन होना तय है. वर्तमान में दीपा मलिक इसकी चेयरमैन है.

अवार्ड पाने वाले राजस्थान के पहले खिलाड़ी

देवेंद्र पद्मभूषण पुरस्कार पाने वाले देश के पहले पैरा एथलीट हैं. झाझड़िया ने तीन ओलंपिक में देश को मेडल दिलाया है. उनके इस शानदार प्रदर्शन की बदौलत ही उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया है. झाझड़िया राजस्थान के पहले खिलाड़ी हैं, जिन्हें यह अवार्ड दिया गया है. इससे पहले एथेंस 2004 और रियो 2016 के पैरा ओलंपिक खेलों में देवेंद्र देश के लिए स्वर्ण पदक जीत चुके हैं.

भारत सरकार द्वारा प्राप्त हुए कई पुरस्कार

भारत सरकार द्वारा खेल उपलब्धियों के लिए देवेंद्र को खेल जगत का सर्वोच्च राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार दिया गया. इससे पहले उन्हें पद्मश्री पुरस्कार, स्पेशल स्पोर्ट्स अवार्ड 2004, अर्जुन अवार्ड 2005, राजस्थान खेल रत्न, महाराणा प्रताप पुरस्कार 2005, मेवाड़ फाउंडेशन के प्रतिष्ठित अरावली सम्मान 2009 सहित अनेक इनाम-इकराम मिल चुके हैं. वे खेलों से जुड़ी विभिन्न समितियों के सदस्य रह चुके हैं. 

साधारण परिवार में हुआ था जन्म

देवेंद्र का जन्म चूरू के सादुलपुर के एक साधारण किसान दंपती रामसिंह और जीवणी देवी के आंगन में 10 जून 1981 को हुआ था। देवेंद्र ने सुविधाहीन परिवेश और विपरीत परिस्थितियों को कभी अपने मार्ग की बाधा बनने नहीं दिया। गांव के जोहड़ में एकलव्य की तरह लक्ष्य को समर्पित देवेंद्र ने लकड़ी का भाला बनाकर खुद ही अभ्यास शुरू कर दिया।

बनाया विश्व रिकॉर्ड

2002 के बुसान एशियाड में देवेंद्र ने स्वर्ण पदक जीता. साल 2003 के ब्रिटिश ओपन खेलों में देवेंद्र ने जैवलिन थ्रो, शॉट पुट और ट्रिपल जंप तीनों स्पर्धाओं में सोने के पदक अपनी झोली में डाले. देश के खेल इतिहास में देवेंद्र का नाम उस दिन सुनहरे अक्षरों में लिखा गया, जब उन्होंने 2004 के एथेंस पैरा ओलंपिक में भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता. 

इन खेलों में देवेंद्र द्वारा 62.15 मीटर दूर तक भाला फेंक कर बनाया गया. विश्व रिकॉर्ड खुद देवेंद्र ने ही रियो में 63.97 मीटर भाला फेंककर तोड़ा. बाद में देवेंद्र ने साल 2006 में मलेशिया पैरा एशियन गेम में स्वर्ण पदक जीता. साल 2007 में ताईवान में अयोजित पैरा वर्ल्ड गेम में स्वर्ण पदक जीता और वर्ष 2013 में लियोन (फ्रांस) में हुई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक देश की झोली में डाला.

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