Rajasthan News: राजस्थान की सबसे बड़ी संसदीय सीट बाड़मेर जैसलमेर (Barmer Jaisalmer Lok Sabha seat) पर इस बार सभी की निगाहें टिक्की हुई हैं. भाजपा हो या फिर कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों के लिए यह सीट अब प्रतिष्ठा का सवाल बन चुकी है. इस सीट पर होने वाले चुनावों को दिलचस्प बनाया है एक निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी ने, जो भाजपा से बागी होकर पिछले विधानसभा चुनाव में शिव से चुनाव लड़े और जीतकर विधायक बने. अब लोकसभा के सियासी रण में भी कूद चुके हैं. लेकिन आज हम बात कर रहे हैं. कांग्रेस के मास्टर प्लान की.
आज अशोक गहलोत चल सकते हैं मास्ट स्ट्रोक
पिछले दो लोकसभा चुनाव में खाता तक न खोल पाने वाली कांग्रेस, इस बार राजस्थान में कमाल कर दिखाने के दावे कर रही है और इन दावों को हकीकत में बदलने की जिम्मेदारी तमाम बड़े चेहरों ने ले ली है. चाहे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) हों या पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) सभी मैदान में हैं. कांग्रेस का बाड़मेर जैसलमेर में फोकस साफ देखा भी जा रहा है. नामांकन के दौरान भी प्रदेश में कांग्रेस के तमाम बड़े चहेरे शामिल हुए थे. लेकिन जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं कांग्रेस अपने अस्त्र-शस्त्र निकालने लगी है. जिसके तहत पूर्व सीएम अशोक गहलोत आज जैसलमेर दौरे पर आ रहे हैं. आज गहलोत विशेष विमान से जयपुर से रवाना होकर जैसलमेर आएंगे, जिसके बाद एयरपोर्ट से सीधा सभा बाड़मेर रोड पर सभा स्थल पहुंचेंगे और कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल (Ummeda Ram Beniwal) के पक्ष में आमजन सभा को संबोधित करेंगे. वहीं इस सभा के माध्यम से JMM फॉर्मूला आजमाने का मास्टरस्ट्रोक भी गहलोत खेल सकते हैं.
त्रिकोणीय संघर्ष में कारगर साबित होगा फॉर्मूला
JMM फॉर्मूल कांग्रेस का वही फार्मूला है जिसके दम पर इस क्षेत्र में कई बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है. हालांकि विधानसभा चुनाव में MM गठबंधन टूट गया था, लेकिन अब उस गठबंधन को एक बार फिर मजबूती देने की जिम्मेदारी स्वयं 'सियासत के जादूगर' कहे जाने वाले पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने उठा ली है. J.M.M फॉर्मूला यानी जाट, मुस्लिम व मेघवाल वोटो का गणित जोड़कर सीट निकालना है. कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल जाट समुदाय से आते हैं और मुस्लिम व मेघवाल समाज हमेशा से इस क्षेत्र में कांग्रेस के कोर वोटर्स हैं. इस सीट पर 4.5 से 5 लाख के करीब जाट मतदाता हैं तो वहीं 3-3 के करीब मुस्लिम-मेघवाल मतदाता भी हैं. अगर कांग्रेस का JMM फॉर्मूला काम करता है तो कांग्रेस इस चुनावी समुन्द्र से अपनी नौका पार लगा सकती है. क्योंकि 22 लाख वोटर्स में करीब 16 लाख पोलिंग होगी और त्रिकोणीय संघर्ष में JMM फॉर्मूला कारगर साबित हो सकता है.
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