Lok Sabha Elections: विरोध के बाद पुरानी दुश्मनी भूल जिलाध्यक्ष के घर पहुंचे भाजपा प्रत्याशी, कहीं भारी न पड़ जाए गुटबाजी

Rajasthan Politics: टोंक लोकसभा सीट के भाजपा प्रत्याशी सुखबीर सिंह जौनापुरिया को क्षेत्र में लोगों का विरोध सहना पड़ रहा है. एक दिन पहले मालपुरा में आयोजित पार्टी बैठक में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध जताते जौनापुरिया गो बैक के नारे लगाए गए थे.

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मंत्री और भाजपा प्रत्याशी के सामने ही कार्यकर्ताओं ने जताया विरोध. लगाए गो बैक के नारे.

Tonk Lok Sabha Seat: राजस्थान में लोकसभा चुनाव की बिसात बिछ चुकी है. प्रत्याशियों का प्रचार अभियान अब जोर पकड़ रहा है. लेकिन प्रचार अभियान के बीच कई जगहों पर भाजपा प्रत्याशी का विरोध का सामना करना पड़ रहा है. टोंक लोकसभा सीट (Tonk-Sawai Madhopur Lok Sabha seat) से भाजपा ने मौजूदा सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया को फिर से टिकट दिया है. टिकट मिलने के बाद जौनापुरिया प्रचार अभियान में जुट चुके हैं. लेकिन इस बीच जौनापुरिया को विरोध का सामना करना पड़ा. एक दिन पहले ही मालपुरा में जौनापुरिया का भाजपा कार्यकर्ताओं तक ने विरोध कर दिया था. भाजपा कार्यकर्ताओं ने जौनापुरिया गो बैक तक के नारे लगाए. विरोध के बाद जौनापुरिया अब पुरानी अदावत भूलकर भाजपा के टोंक जिलाध्यक्ष अजित सिंह मेहता से मिलने उनके घर पहुंचे. 

टोंक लोकसभा सीट पर भाजपा में गुटबाजी 

दरअसल टोंक में सबकी जुबान पर भाजपा की गुटबाजी की चर्चा है. एक ओर बीजेपी प्रत्याशी सुखबीर सिंह जौनापुरिया का गुट हौ तो दूसरी ओर भाजपा जिलाध्यक्ष अजित सिंह मेहता का गुट. इन दोनों के बीच जारी सियासी अदावत को खत्म करने की कोशिश मंच पर हाथ मिलाकर और फूल बरसाकर किया तो जा रहा है. लेकिन अंदरखाने से जो बात छन कर सामने आ रही है वह जौनापुरिया की धड़कन तेज कर रही है.  

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बीते दिनों टोंक के कांग्रेसी नेताओं के भाजपा की सदस्यता ग्रहण की तस्वीरें उस समय फीकी नजर आई थी कि जब भाजपा के ही पूर्व जिलाध्यक्ष ओर पूर्व सभापति सहित जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारी सहित कई नेता अपने जिलाध्यक्ष के पदभार ग्रहण समारोह से दूर नजर आए. 

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मंत्री के सामने ही लगे थे जौनापुरिया गो बैक के नारे

मालपुरा में बीजेपी के ही कार्यकर्ता सम्मेलन में जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी की मौजूदगी में उन्हीं के करीबी बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सुखबीर सिंह जौनापुरिया पर क्षेत्र और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के आरोप लगाए तो जौनापुरिया गो बेक के नारे भी लगाए. बाद में भले ही कार्यकर्ताओ को शांत किया गया और कार्यक्रम के बाद सुखबीर जौनापुरिया ने विरोध की बात से ही इंकार कर दिया. वही जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने यह कहकर बात टालने की कोशिश की हो कि बड़ा परिवार है पांच बर्तन होते है तो बजते भी है लेकिन लेकिन सच यही है की बीजेपी में टोंक में सब कुछ ठीक नहीं है. 

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गुटबाजी से पार पाना जौनपुरिया की सबसे बड़ी चुनौती

टोंक सवाई माधोपुर सीट से बीजेपी ने दो बार से सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया को चुनाव मैदान में उतारा है. जिनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी देवली उनियारा से विधायक हरीश चन्द्र मीणा से होगा. हरियाणा निवासी जौनापुरिया 2014 वह 2019 के चुनाव में कांग्रेस के अजहरुद्दीन ओर नमोनारायण मीणा को 1 लाख से अधिक वोटों से चुनाव हरा चुके हैं. वह इस बार चुनाव में इस सीट से जीत की हैट्रिक मारने का प्रयास करेंगे. लेकिन उनकी राह में सबसे बड़ी चुनौती क्षेत्र की 8 विधानसभाओं में उनका विरोध और बीजेपी की गुटबाजी है. क्योंकि बीजेपी के नए टोंक जिलाध्यक्ष अजित मेहता से उनकी अदावत जग जाहिर है जिसे फोटो शेषन से मिटा पाना फिलहाल मुश्किल नजर आता है.

पुरानी राजनीतिक अदावत भूल टोंक जिलाध्यक्ष अजित सिंह मेहता के साथ सुखबीर सिंह जौनापुरिया व अन्य.

टोंक से जौनापुरिया चौथी बार चुनावी मैदान में

2009 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी ने लगातार चौथी बार गुर्जर जाति से प्रत्याशी बनाया है. जबकि कांग्रेस ने तीसरी बार मीणा जाति से प्रत्याशी बनाया है. सुखबीर सिंह जौनापुरिया का यह इस सीट पर लगातार तीसरा चुनाव है. टोंक-सवाई माधोपुर सीट पर यह चुनाव रेल के मुद्दे के साथ, बीसलपुर बांध का पानी, ईआरसीपी प्रोजेक्ट के साथ ही जातिगत आधार पर लड़ा जाएगा. अब देखने वाली बात यह होगी कि अन्य पार्टियों के साथ ही निर्दलीय प्रत्याशी कितने मैदान में उतरते हैं.

कांग्रेस ने पायलट के करीबी हरीश को दिया टिकट

21 लाख 33 हजार 692 मतदाताओं वाली दो जिलों की आठ विधानसभा सीटो को जोड़कर बनी टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा सीट पर लोकसभा चुनावों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए है. कांग्रेस ने जहाँ टोंक सवाई माधोपुर सीट के लिए सचिन पायलट के करीबी माने जाने वाले पूर्व डीजीपी ओर देवली उनियारा विधायक हरीश चंद्र मीणा को मैदान में उतारा है. वहीं बीजेपी ने तीसरी बार हरियाणा निवासी सुखबीर सिंह जौनापुरिया को चुनाव मैदान में उतारा है. 

टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा सीट में दो जिले टोंक और सवाई माधोपुर में कुल 8 विधानसभा सीटें शामिल है. जिसमें 4 सीटों पर भाजपा तो 4 पर कांग्रेस का कब्जा है. परिसीमन के बाद 2009, 2014 ओर 2019 के पिछले तीन चुनावों में 1 बार कांग्रेस के नमोनारायण मीणा और पिछले दो चुनावों में भाजपा के सुखबीर सिंह जौनापुरिया की जीत हुई है. 

टोंक लोकसभा सीट का जातिगत समीकरण

टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा सीट में 21 लाख 33 हजार 692 मतदाता है. इसमें जातिगत वोटर्स की बात की जाए तो इस क्षेत्र में एसटी के 3 लाख 25 हजार लगभग मतदाता है. वहीं गुर्जर मतदाताओं की संख्या लगभग 2 लाख 80 हजार है. मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 2 लाख 15 हजार है. सबसे ज्यादा मतदाता एससी वर्ग के हैं. जिनकी संख्या लगभग 4 लाख 40 हजार है. जाट वोटरों की संख्या 1 लाख 50 हजार तो ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या भी लगभग 1 लाख 50 हजार है. राजपूत मतदाताओं की संख्या लगभग 65 हजार के करीब है तो क्षेत्र में माली मतदाताओं की संख्या भी 1 लाख 35 हजार के करीब है. वह ओबीसी की छोटी जातियों के वोटों की संख्या भी लगभग 2 लाख 75 हजार के करीब है.

टोंक लोकसभा सीट पिछले तीन चुनावों के नतीजे

2009- कांग्रेस से नमोनारायण मीणा 347 वोटों से जीते.
2014- भाजपा से सुखबीर सिंह जौनापुरिया 1.50 लाख वोटों से जीते.
2019- भाजपा से सुखबीर सिंह जौनापुरिया 1.11 लाख वोटों से जीते

टोंक लोकसभा सीट के चुनावी मुद्दें

2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर भी यही उम्मीद की जा रही है कि यह चुनाव भी गुर्जर ओर मीणा प्रत्याशियों के बीच मुख्य मुकाबले वाला होगा और जातिगत आधार पर ही लड़ा जाएगा. स्थानीय मुद्दों की बात की जाए तो बीसलपुर बांध का पानी और ईसरदा बांध का पानी के साथ टोंक को रेल से जोड़ने की मांग मुख्य मुद्दा है.

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