Boycott of Lok Sabha election: राजस्थान के बारां जिले के आदिवासी क्षेत्र में दर्जन भर गांव के लोग आने वाले लोकसभा चुनाव 2024 में इस बार मतदान नहीं करेंगे. सभी ग्रामीणों ने बैठक कर यह निर्णय लिया है, जिनके साथ चार अन्य गावों के किसान भी आ गये हैं. सभी ने सर्व सम्मति से बैठक कर यह निर्णय लिया है. यहां के लोगों के लिए पानी की बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है. आदिवासियों का कहना है कि न तो उनके पास कोई नेता पहुंचा है और न ही कोई प्रशासनिक अधिकारी पहुंचा. शत प्रतिशत मतदान बढ़ाने के लिए बारां जिला प्रशासन स्वीप के माध्यम कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है, इसके बाद भी उनकी समस्या कोई सुनने वाला नहीं है.
पीने के पानी की किल्लत
बारां जिले के आदिवासी क्षेत्र की पचलावदा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर बंदाकला, मोतीपुरा, बिलोदा, पचलावदा, ग्रामवासियों ने बैठक की. गांव वालों ने लोकसभा चुनाव 2024 में मतदान बहिष्कार का निर्णय लिया है. लोगों का आरोप है कि कई दशकों में किसी भी सरकार ने इस क्षेत्र में किसानों के नहरी पानी के लिए कोई इंतजाम नहीं किया. ना ही पीने के पानी की कोई व्यवस्था है. किसानों के फसलों की सिचाई की कोई व्यवस्था है.
वोट मांगने भी नहीं पहुंचे नेता
आदिवासी समाज के लोगों का कहना है कि कोई नेता वोट भी नहीं मांगने आया. उनके क्षेत्र के नेता नहर के पानी पर कोई बड़ी योजना नहीं बना रहे हैं. बारां जिला अकावद परियोजना और ईआरसीपी परियोजना में शामिल हो चुका है. इसके बाद भी क्षेत्र को छोड़ दिया गय है. ऐसे में लोगों ने मायूस होकर लोकसभा चुनाव 2024 में वोट नहीं डालने का निर्णय लिया है.
पहले भी इन गांवों के लोग चुनाव का कर चुके बहिष्कार
इससे पहले भी बंदाखुर्द, खेड़ली मामली गांव के लोग चुनाव का बहिष्कार कर चुके हैं. नाहरगढ़, छतरगंज, सिमलोद, बंदाखुर्द, बदीपुरा, पचलावदा पंचायत के दर्जनों गांव में लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का अभियान चला रहे हैं.