Lungs Cancer: कैंसर एक जानलेवा बीमारी है कहा जाता है कि हमारे लाइफ स्टाइल कैंसर का कारण बनते हैं. वहीं मौजूदा समय में लंग्स कैंसर के मरीज सबसे अधिक पाए जाते हैं, क्योंकि यह स्मोकिंग करने वालों में ज्यादा होता है. लेकिन हैरानी की बात यह है कि Smoking नहीं करने वालों में भी अब Lungs Cancer तेजी से बढ़ रहा है. यह बात एक रिपोर्ट में सामने आई है.
लैंसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन जर्नल में 4 फरवरी को ‘कैंसर डे' पर एक स्टडी प्रकाशित हुई. जिसमें कहा गया है कि लंग्स कैंसर के मामले न महज स्मोकिंग करने वालों में, बल्कि स्मोकिंग नहीं करने वाले लोगों में भी देखने को मिल रहे हैं.
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं. आखिर जो लोग धूम्रपान नहीं करते हैं उन्हें लंग्स कैंसर कैसे हो सकता है. इसे लेकर समाचार एजेंसी आईएएनएस ने सीके बिड़ला अस्पताल के मेडिकल ऑन्कोलॉजी सहायक डॉ. पूजा बब्बर और फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी डॉ. अनिल के आनंद से खास बातचीत की है.
गांव की महिलाओं में होता ज्यादा लंग्स कैंसर
डॉ. पूजा बब्बर ने बताया कि यह बात सच है कि लंग्स कैंसर केवल स्मोकिंग करने वालों में ही नहीं बल्कि स्मोकिंग नहीं करने वालों में होती है. लेकिन ऐसे मामले ज्यादातर महिलाओं में होती है. ऐसा इसलिए कि जो महिलाएं गांवों में चूल्हे में खाना बनाती हैं तो चूल्हे का धुआं उनके फेफड़ों में जाता है और यह कैंसर का कारण बनता है. क्योंकि धुआं में कारसीनोजैन होते हैं, जो कैंसर को पैदा करते हैं. वहीं फैक्ट्री में काम करने वालों में भी कैंसर देखने को मिलता है. उन्होंने बताया कि कई मामलों में जीन भी लंग्स कैंसर की वजह बनकर सामने आए हैं.
हालांकि डॉ. पूजा ने बताया कि महिलाओं में होने वाले लंग्स कैंसर को आसानी से ठीक भी किया जा सकता है. महिलाओं में होने वाले कैंसर को स्टेज एक में एक दवा के जरिए भी ठीक किया जा सकता है.
लंग्स कैंसर के लक्षण
डॉ. ने कहा कि लंग्स कैंसर के शुरुआती लक्षण कुछ इस प्रकार के हो सकते हैं. इसमें प्रमुख रूप से खांसी होना, सांस फूलना, कफ होना, कफ में खून निकलना और थोड़ा सा भी चलने पर सांस फूलने लग जाना जैसे लक्षण शामिल हैं. डॉ. बताती हैं कि अगर आगे चलकर यह कैंसर फैल जाए, तो इससे सिर में दर्द होने लगता है. हड्डियों में दर्द होना, भूख कम लगना, वजन कम होना जैसे लक्षण शामिल होते हैं.
वायु प्रदूषण है लंग्स कैंसर का बड़ा कारण
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी डॉ. अनिल के आनंद ने बताया कि पहले लंग्स कैंसर के 80 से 90 फीसदी मामले स्मोकिंग करेने वालो में मिलते थे. लेकिन अब ऐसे भी लोग हैं जो स्मोकिंग नहीं करते लेकिन उन्हें लंग्स कैंसर देखा गया है. इसके लिए उन्होंने वायु प्रदूषण को सबसे बड़ा कारण बताया. इसमें सबसे प्रमुख रूप से औद्योगिक प्रदूषण, ट्रैफिक प्रदूषण सबसे बड़ा कारण है. खासकर दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों में ऐसे प्रदूषणों का कहर अपने चरम पर है. उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण में PM 10 और PM 2.5 पार्टिकुलर मैटर होता है, जो हमारे लंग्स में जाकर उसे डैमेज करता है. अगर यह डैमेज लंबे समय तक जारी रहा, तो यह उसे लंग्स कैंसर में बदल देगा. इस तरह से वायु प्रदूषण की वजह से भी लंग्स कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं.
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