झालावाड़ स्कूल हादसे के लिए मदन दिलावर ने कांग्रेस को ठहराया जिम्मेदार, कहा- पहले देख लेती तो नहीं होती घटना

स्कूल शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने गोविंद सिंह डोटासरा के बयान का पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार अपने समय में सभी भवनों को अच्छे तरीके से देख लेती तो यह घटना नहीं होती.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Rajasthan Politics: झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव का वह सरकारी स्कूल फिर से दोबारा शुरू किया गया है, जिसका इमारत का हिस्सा ढहने से दर्दनाक हादसे में 7 बच्चों की जान चली गई थी. अधिकारियों ने बताया कि राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पिपलोदी को वैकल्पिक प्रबंध के तहत एक नए भवन में शुरू किया गया है. वहीं हादसे वाले स्कूल को देखने गोविंद सिंह डोटासरा पहुंचे थे. स्कूल देखने के बाद सरकार पर जमकर बरसते हुए सिस्टम को नाकाम बताया. डोटासरा के बयान पर अब मदन दिलावर ने भी पलटवार किया है.

स्कूल शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने गोविंद सिंह डोटासरा के बयान का पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार अपने समय में सभी भवनों को अच्छे तरीके से देख लेती तो यह घटना नहीं होती. भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने डेढ़ वर्ष लगभग 2 हजार स्कूलों की मरम्मत के लिए पैसे दिए हैं. कांग्रेस सरकार ने जानबूझकर के उनके कार्यकाल में किसी प्रकार की मरम्मत नहीं करवाई, ना ही स्कूलों को देखा. कांग्रेस का केवल सिर्फ नोट बटोरने का धंधा था. 

Advertisement

डोटासरा पर खुला आरोप

दिलावर ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गोविंद सिंह डोटासरा की उपस्थिति में एक बार शिक्षकों से पूछा था कि शिक्षा विभाग में ट्रांसफरों में पैसा चलता है क्या. तब सभी शिक्षकों ने एक स्वर में कहा था कि साहब खूब पैसा चलता है. गोविंद डोटासरा ने पेपर बेच कर के खूब धन कमाया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने आप में समस्या है. क्योंकि इनको स्वदेशी लोगों ने नहीं बनाया, विदेशियों ने बनाया है. इसलिए कांग्रेस हमेशा विदेश की बात करते रहते हैं. जिस प्रकार का स्टेटमेंट डोटासरा दे रहे हैं वह ठीक नहीं है. इनकी श्रद्धा अब देश में नहीं है.

Advertisement

डोटासरा ने बताया था हादसे का कारण

डोटासरा ने ‘एक्स' पर लिखा,“आज झालावाड़ के पिपलोदी स्कूल में हादसे की जगह पहुंचा तो मन भर आया, जहां कुछ मासूम फूल अब कभी नहीं खिल पाएंगे. वहां पसरा सन्नाटा, जमींदोज़ पड़ा स्कूल भवन का मलबा इंसान को अंदर तक तोड़ देने के लिए काफी था. स्कूल में जाकर बच्चों से बात की तो हृदय बेहद भारी सा हो गया, और भीतर तक अनंत वेदनाओं के तले दब गया.' डोटासरा के अनुसार, यह हादसा ‘सिस्टम' की नाकामी और असंवेदनहीनता का परिणाम है, यह अपार दु:ख केवल पीड़ित परिवारों का नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का है.

Advertisement

यह भी पढ़ेंः राजस्थान रोडवेज से जुड़ा अजीब मामला, यात्रियों से भरी बस... ड्राइवर ने बीच हाईवे पर छोड़कर भागा