महाकुंभ 2025: AI चैटबॉट से बढ़ी तीर्थयात्रियों की सुविधा, खाना-अस्पताल से लेकर पुलिस से मिलाने तक में मददगार 

Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की मदद के लिए AI चैटबॉट का नया वर्जन पेश किया गया है, जो पार्किंग, फूड कोर्ट, अस्पताल, और अन्य सुविधाओं के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ गूगल मैप लिंक और सेक्टर डिटेल को शेयर करता है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

Prayagraj AI chatbot: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबॉट का एक नया वर्जन अब महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं के एक किलोमीटर के दायरे में पार्किंग, फूड कोर्ट और अस्पतालों के बारे में तीर्थयात्रियों को गाइड कर रहा है. श्रद्धालुओं की सहायता के लिए डिजाइन किए गए चैटबॉट का नया अवतार इन 3 अतिरिक्त सुविधाओं के साथ आता है. AI चैटबॉट न केवल महाकुंभ की पूरी मैपिंग करेगा, बल्कि गूगल मैप लिंक के साथ-साथ प्रत्येक सेक्टर के बारे में डिटेल भी साझा करेगा. 

चैटबॉट के जरिए कई सुविधाओं का लाभ

इस चैटबॉट के जरिए, श्रद्धालु पार्किंग, परिवहन, बैंकिंग, सार्वजनिक जल ATM और अन्य सेवाओं के बारे में सेकेंडों में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. सरकार के अनुसार चैटबॉट के माध्यम से श्रद्धालु अपनी पसंद के अनुसार शौचालयों, खोया-पाया केंद्र, प्रदर्शनियों और अन्य आवश्यक स्थानों के बारे में विस्तृत जानकारी युक्त रियल टाइम PDF डाउनलोड कर सकते हैं.

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महाकुंभ में भाग लेने वालों के लिए सुविधा

QR कोड को स्कैन करने से मोबाइल पर सीधे प्रमुख स्थानों की जानकारी उपलब्ध हो जाएगी. लाखों श्रद्धालु पहले ही इस AI चैटबॉट का उपयोग कर चुके हैं. सरकार ने कहा 'अपने प्रभावी और उपयोगकर्ता के अनुकूल डिजाइन के साथ यह महाकुंभ में भाग लेने वालों के लिए सुविधा को काफी बढ़ा रहा है.'

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इस बीच इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 11 भाषाओं में पहुंच को बढ़ावा देने के लिए प्रयागराज के महाकुंभ में अपने AI संचालित भाषा अनुवाद टूल 'भाषिणी' को एकीकृत किया है.

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पुलिस से भी होगा आसानी से संवाद

इस प्लेटफॉर्म पर आप अपनी खोई हुई या मिली हुई चीजों की जानकारी अपनी मातृभाषा में बोलकर दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल बड़े आयोजनों में आसानी से संवाद करने के लिए वास्तविक समय में टेक्स्ट या वॉइस ट्रांसलेशन के लिए भी कर सकते हैं. श्रद्धालु स्थानीय भाषाओं में दिशा-निर्देशों का अनुवाद करने के लिए मोबाइल ऐप का उपयोग कर सकते हैं. साथ ही पुलिस अधिकारियों के साथ सहज संवाद भी कर सकते हैं.

उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग ने इस ऐप के साथ मिलकर काम किया है ताकि फील्ड अधिकारियों को ऐप में मौजूद 'कन्वर्स' फीचर का इस्तेमाल करना सिखाया जा सके. इस फीचर की मदद से अधिकारी भाषा की बाधा के कारण श्रद्धालुओं की शिकायतों को आसानी से समझ सकेंगे और उनकी मदद कर सकेंगे.

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