माही डैम का गेट खुलने से डूंगरपुर में माही नदी उफान पर, गलियाकोट में खेत जलमग्न, फसलें बर्बाद

राजस्थान में भारी बारिश के कई जिलों में तबाही मची है. बांसवाड़ा के माही डैम के सभी गेट खोले जाने के बाद माही नदी उफान पर है. जिससे कई गांवों के खतों में लगी फसलें जलमग्न हो गई है.

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बांसवाड़ा के माही डेम के सभी गेट खुलने के बाद डूंगरपुर में माही नदी उफान पर
डूंगरपुर:

बांसवाड़ा जिले के माही डैम के सभी 16 गेट खुलने के बाद डूंगरपुर जिले में माही नदी उफान पर है. जिसके चलते गलियाकोट क्षेत्र में नदी किनारे बसे गांवों में कई बीघा खेत जलमग्न हो गए हैं. जिससे खेतों में मौजूद फसलें बर्बाद हो गई हैं. किसानों को काफी नुकसान हुआ है. वहीं माही नदी में बढ़ रहे जलस्तर के चलते गलियाकोट में कडाना बेक वाटर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है. जिला प्रशासन ने गलियाकोट में अलर्ट जारी किया है. वहीं लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की है.

गलियाकोट क्षेत्र में खेत जलमग्न

बांसवाड़ा जिले के माही डैम के सभी 16 गेट खुलने के बाद डूंगरपुर जिले में माही नदी उफान पर है. जिसके चलते गलियाकोट क्षेत्र में नदी किनारे बसे गांवों में कई बीघा खेत जलमग्न हो गए हैं. इनमें बगड़िया, पिपलोद, भेरू, गरड़िया, खरगा, चंपावास, लाछी, सोनारा, ढोलिया, और कडाना गांव शामिल हैं. इन गांवों के किसानो की सोयाबीन, बाजरा, और मूंग की फसलें जलमग्न हो गई हैं. किसानो को काफी नुकसान हुआ है.

कडाना बेक वाटर खतरे के निशान पर

माही नदी में बढ़ रहे जल स्तर के चलते गलियाकोट में कडाना बेक वाटर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है. कडाना बेक वाटर का खतरे का निशान 35 मीटर है. आज कडाना बेक वाटर का जल स्तर 35.20 मीटर हो गया है. खतरे के निशान से ऊपर आने से प्रशासन ने गलियाकोट में अलर्ट जारी किया है. वहीं लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की है.

प्रशासन ने की राहत की व्यवस्था

गलियाकोट में माही नदी के उफान से प्रभावित इलाकों में प्रशासन ने राहत की व्यवस्था की है. प्रशासन की टीमें गांवों में पहुंचकर प्रभावित किसानों को राहत सामग्री बांट रही हैं. वहीं प्रशासन की टीमें बेक वाटर के पास बसे घरों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर रही हैं.

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जिला कलेक्टर ने की गुजरात प्रशासन से बात

कडाना बेक वाटर के खतरे के निशान पर पहुंचने पर जिला कलेक्टर ने गुजरात प्रशासन से बात करके कडाना बांध के गेटों को खोलने के लिए बात की है. गुजरात प्रशासन ने कडाना बांध के एक गेट को खोलने का फैसला किया है. इससे गलियाकोट में कडाना बेक वाटर का जल स्तर कम हो जाएगा.

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