Malegaon Case: "धर्म विशेष के लोगों को खुश करने के लिए साध्वी प्रज्ञा को फंसाया गया", जोगाराम पटेल का बयान

Rajasthan: मालेगांव ब्लास्ट केस मुंबई की विशेष अदालत ने सभी 7 आरोपियों को बरी करने का आदेश जारी किया था. अब इस मामले में कैबिनेट मंत्री ने हिंदू समाज को बदनाम करने की साजिश होने की बात कही है.

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फाइल फोटो.

Jogaram patel reaction on malegaon blast case: मालेगांव ब्लास्ट केस में कोर्ट के आदेश के बाद कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि हिंदू आतंक कभी हो नहीं सकता. यह फैसला उन लोगों की जुबान पर और चेहरे पर तमाचा है, जिन्होंने हिंदू आतंकवाद के नाम पर हिंदू समाज को बदनाम करने का काम किया. मंत्री ने आरोप लगाया कि पूरी सरकार ने जानबूझकर साध्वी प्रज्ञा और अन्य लोगों को फंसाने का काम किया. हिंदू स्वभाव से, कर्म और संस्कार से शांतिप्रिय होता है.

मंत्री बोले- वोटों की राजनीति के लिए किया कृत्य

कैबिनेट मंत्री ने सवाल उठाते हुए कहा, "हिंदू समाज को आतंकवादी कहना, किसी भी रूप से की न्यायोचित व व्यवहारिक नहीं है. उन लोगों को विचार करने की आवश्यकता है, जिन्होंने वोटों की राजनीति के लिए और किसी धर्म विशेष के लोगों को खुश करने के लिए यह कृत्य किया."

17 साल बाद आया कोर्ट का फैसला

कल (31 जुलाई) को मालेगांव ब्लास्ट केस मुंबई की विशेष अदालत ने सभी 7 आरोपियों को बरी करने का आदेश जारी किया था. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इन सभी आरोपियों के खिलाफ जो भी सबूत पेश किए हैं, वो इतने काफी नहीं हैं कि आरोपियों को सजा दी जा सके. कोर्ट का यह फैसला 17 साल के लंबे इंतजार के बाद आया है.

ATS के पूर्व अधिकारी ने किया बड़ा दावा

अब इस मामले की जांच में शामिल रहे पूर्व ATS अधिकारी महबूब मुजावर ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि उस दौरान उनके ऊपर RSS प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का दबाव था. उन्हें ऐसा करने के लिए बड़े अधिकारियों से आदेश भी मिला था.

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उन्होंने बताया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का आदेश उनके वरिष्ठ अधिकारियों ने दिया था. ये आदेश उन्हें मालेगांव ब्लास्ट केस के प्रमुख जांच अधिकारी परमवीर सिंह ने दिया था. मुजावर ने दावा किया भगवा आतंकवाद की जो थ्योरी थी, वो पूरी तरह से झूठी थी.

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