Rajasthan News: ओडिशा के संबलपुर में आयोजित 'मारवाड़ महोत्सव' में राजस्थान और ओडिशा की सांस्कृतिक एकता की एक नई तस्वीर देखने को मिली. इस कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शिरकत की. महोत्सव के दौरान वक्ताओं ने मारवाड़ी समाज के सेवा भाव और दोनों राज्यों के गहरे सांस्कृतिक संबंधों पर प्रकाश डाला.
कर्म और मातृभूमि का अनूठा मेल: ओम बिरला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह भगवान जगन्नाथ की धरती है. इसमें आध्यात्मिकता और वीरता समाहित है. उन्होंने मारवाड़ी समाज की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह समाज अपनी जन्मस्थली राजस्थान से जुड़ा रहकर अपनी कर्मस्थली ओडिशा के विकास में अमूल्य योगदान दे रहा है. चाहे शिक्षा हो या चिकित्सा, आपदा के समय यह समाज हमेशा सेवा के लिए तत्पर रहता है. उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के जरिए प्रवासी राजस्थानियों को जोड़ने के प्रयासों की भी सराहना की.
आज संबलपुर, ओड़िशा में मारवाड़ महोत्सव को संबोधित किया।
— Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) December 22, 2025
ओडिशा और राजस्थान के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों की यह जीवंत परंपरा, 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना को मजबूती प्रदान करती है। मारवाड़ी समाज ने यहाँ अपनी मेहनत और लगन से विशिष्ट पहचान बनाई है।
इस अवसर पर मुख्य रूप… pic.twitter.com/FoImR7tO5u
एक भारत-श्रेष्ठ भारत की संकल्पना: सीएम भजनलाल शर्मा
इसके बाद राजस्थान के सीएम ने भी कार्यक्रम में शामन हुए मारवाड़ी समाज के लोगों को संबेधित किया. उन्होंने कहा कि यह समाज पूरी दुनिया में राजस्थान की मिट्टी की खुशबू को फैला रहा है. 10 दिसंबर को सरकार ने प्रवासी राजस्थानी दिवस मनाकर विदेशों में कोने कोने में फैले प्रवासियों को अपनी जड़ों से जोड़ने का काम किया है. राजस्थान फाउंडेशन के अब 40 चैप्टर्स हो चुके हैं और हर जिले में प्रवासियों की मदद के लिए एडीएम स्तर के नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं." मुख्यमंत्री ने मारवाड़ी युवा मंच के इस प्रयास को सांस्कृतिक एकता का अद्वितीय संगम बताया.
निवेश और विकास के नए द्वार: धर्मेंद्र प्रधान
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दोनों राज्यों की प्रगति का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' के तहत राजस्थान और ओडिशा में निवेश के अवसर बढ़ रहे हैं. इस तरह के महोत्सव न केवल सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाते हैं, बल्कि आर्थिक सहयोग को भी मजबूती देते हैं.