राजस्थान में चांदीपुरा वायरस को लेकर मेडिकल विभाग ने जारी की सभी जिलों को एडवाइजरी, आप भी जरूर जान लें

डूंगरपुर में एक मामला सामने आने के बाद अब चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेशभर में इस रोग को लेकर सावधानी बरतने एवं आवश्यक प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत एडवाइजरी जारी की है.

Advertisement
Read Time: 4 mins

Chandipura Virus Advisory: राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में चांदीपुरा वायरस (Chandipura Virus) तेजी से पैर पसार रहा है. बताया जाता है कि गुजरात में सबसे ज्यादा चांदीपुरा वायरस के मामले सामने आए हैं. वहीं गुजरात से सटे राजस्थान में भी इसका प्रभाव लगातार तेजी से बढ़ रहा है. राजस्थान में हाल ही में 6 मामलों की पुष्टि हुई थी. वहीं वायरस के प्रभाव से 2 लोगों की मौत भी हुई है. इसके बाद अब डूंगरपुर जिले में एक पॉजिटिव मामला सामने आया है जिससे राजस्थान स्वास्थ्य विभाग के हाथ-पांव फुलने लगे हैं. अब  में 2  मौते इसी वायरस से हुई है.

डूंगरपुर में एक मामला सामने आने के बाद अब चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेशभर में इस रोग को लेकर सावधानी बरतने एवं आवश्यक प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत एडवाइजरी जारी की है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने प्रदेश में चांदीपुरा वायरस का रोगी सामने आने के बाद इस बीमारी से बचाव के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए थे. इसके बाद विभाग ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्यों, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों तथा प्रमुख चिकित्सा अधिकारियों को एडवाइजरी के अनुसार आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.

Advertisement

गुजरात के सीमावर्ती जिलों में विशेष सतर्कता

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि डूंगरपुर जिले में एक रोगी सामने आने के बाद प्रदेशभर में इस रोग से बचाव एवं उपचार के लिए व्यवस्थाएं चाक-चौबंद की गई हैं. साथ ही, गुजरात राज्य के सीमावर्ती जिलों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं.

Advertisement
शुभ्रा सिंह ने बताया कि विभाग की ओर से जारी विस्तृत एडवाइजरी में बीमारी के लक्षण, जांच, उपचार, बचाव एवं वेक्टर नियंत्रण के संबंध में जानकारी दी गई है तथा एडवाइजरी के अनुरूप प्रबंधन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. गुजरात में इस रोग के मामले सामने आने पर पूर्व में भी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए थे.

एक्यूट इंसिफेलाइटिस सिण्ड्रोम से ग्रसित रोगी को करें रैफर

निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि एडवाइजरी के अनुसार एक्यूट इंसिफेलाइटिस सिण्ड्रोम से ग्रसित रोगी सामने आने पर उसे तत्काल प्रभाव से निकटतम जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में रैफर करने के निर्देश दिए गए हैं.

Advertisement
उन्होंने बताया कि आशा, एएनएम एवं सीएचओ का इस रोग के संबंध में आमुखीकरण करने, संदिग्ध केस की स्थिति में हाउस-टू-हाउस सर्वे करवाए जाने, संदिग्ध या पॉजिटिव रोगी के आस-पास के घरों में बचाव एवं नियंत्रण गतिविधियां संचालित करने को कहा गया है.

संदिग्ध रोगी की सैंपल को भेजे पुणे लैब

डॉ. माथुर ने बताया कि सर्वे के दौरान कोई भी संदिग्ध रोगी सामने आने पर निकटतम मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी टीम के माध्यम से सैंपल लेकर पुणे स्थित लैब में भेजने, पॉजिटिव केस की स्थिति में रोगी के सम्पर्क में आए लोगों के भी सैम्पल लेकर पुणे भेजने के निर्देश दिए गए हैं.

पॉजिटिव केस की स्थिति में पालतू जानवरों के सैम्पल पशुपालन विभाग के माध्यम से एकत्र कर संबंधित लैब में भिजवाए जाएंगे.

संदिग्ध मामलों के बारे में तुरंत दें जानकारी

कोई भी संदिग्ध केस सामने आने पर सभी चिकित्सा संस्थानों को इसकी जानकारी जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशालय को तत्काल प्रभाव से देनी होगी. साथ ही इस रोग के केसों की दैनिक रिपोर्टिंग IHIP पोर्टल पर भी करनी होगी. रोग के संबंध में जागरूकता हेतु आवश्यक IEEC गतिविधियां संचालित किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं.

यह भी पढ़ेंः राजस्थान सरकार ने वेतन, पेंशन और स्कॉलरशिप को लेकर किया है बड़ा ऐलान, जानें आपको क्या मिलेगा